नयी दिल्ली: दिसंबर में भारत दौरे की तारीख़ तय होने के बावजूद अंतिम क्षण में इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपनी यात्रा टाल दी। क्यों? तेल अवीव के प्रमुख मीडिया का दावा है कि 10 नवंबर के दिल्ली विस्फोट के कारण ही यह ‘सुरक्षा संबंधी चिंता’ उत्पन्न हुई। सीधे तौर पर तनाव स्वीकार न करते हुए भी नेतन्याहू ने बाद में बयान दिया- 'अभी रहने दें, बाद में होगा।’ रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन, हालांकि, 'जैसी बात, वैसा काम' वाले अंदाज़ में पूर्व-निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज गुरुवार को ही नई दिल्ली पहुंच रहे हैं। लेकिन अपने ‘चलते-फिरते किले’ के साथ! उनके स्वागत में राजधानी दिल्ली ने अभूतपूर्व सुरक्षा घेरा तैयार कर लिया है।
4–5 दिसंबर- दो दिन का दौराः इन दो दिनों को लेकर खलबली मच गई है। रूस का तेल खरीदने के कारण अमेरिका भारत से नाराज़ है। केवल शुल्क बरकरार रखा गया है, बल्कि बहुप्रतीक्षित व्यापार समझौता भी अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने नहीं किया। ऐसे माहौल में पुतिन भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने आ रहे हैं। इस दौरे पर केवल सरकार ही नहीं, विपक्ष की भी नज़र रहेगी।कांग्रेस नेता शशि थरूर ने पहले ही कहा, 'रूस के साथ हमारा वर्षों पुराना मजबूत संबंध है। पुतिन का यह दौरा बेहद महत्वपूर्ण है। हम अपनी स्वायत्तता किसी एक देश के हाथों गिरवी नहीं रख सकते। बल्कि सभी देशों के साथ स्वतंत्र संबंध होने चाहिए। उम्मीद है रूस के साथ हमारे रिश्ते और मजबूत होंगे।’ क्या होगा-यह समय बताएगा। फिलहाल आइए देखते हैं कि पुतिन के स्वागत के लिए दिल्ली कैसे सजी हुई है।
फाइव-लेयर सुरक्षा व्यवस्था: पुतिन की सुरक्षा के लिए दिल्ली में पांच स्तरों का सुरक्षा कवच तैयार किया गया है। ‘आउटर लेयर’ की जिम्मेदारी NSG और दिल्ली पुलिस के पास होगी। ‘इनर लेयर’ संभालेंगे रूसी राष्ट्रपति की अपनी सुरक्षा सेवा के अधिकारी। सूत्रों के अनुसार, मोदी–पुतिन मुलाक़ात के दौरान SPG भी सुरक्षा व्यवस्था में शामिल होगी। विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि पुतिन की अभेद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रूस की एडवांस सिक्योरिटी और प्रोटोकॉल टीम के 50 से अधिक सदस्य पहले ही दिल्ली पहुंच चुके हैं।
ड्रोन–जैमर, एआई निगरानी तैयारः इन दो दिनों जिस मार्ग से पुतिन का काफ़िला गुजरेगा, वहां लगातार तलाशी अभियान NSG और दिल्ली पुलिस चलाएगी। विशेष ड्रोन पुतिन के काफ़िले पर हर पल निगरानी रखेंगे। कुछ स्थानों पर घातक स्नाइपर तैनात रहेंगे। बड़े क्षेत्र में ड्रोन जैमर लगाए गए हैं।निगरानी में एआई तकनीक का उपयोग होगा; कई जगह फेशियल रिकग्निशन कैमरे लगाए गए हैं।सूत्रों के अनुसार पुतिन के दिल्ली में उतरते ही सुरक्षा कवच सक्रिय कर दिया जाएगा। पूरी व्यवस्था पर नज़र रखने के लिए कंट्रोल रूम तैयार है।
कहाँ ठहरेंगे?: जिस होटल में पुतिन ठहरेंगे, उसे भी सुरक्षा के घने घेरे में ले लिया गया है। कई मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि संभवत: उन्हें होटल मॉर्या में ठहराने की व्यवस्था की गई है। होटल और आसपास के क्षेत्रों को हाई-सिक्योरिटी ज़ोन घोषित किया गया है। रूसी प्रतिनिधिमंडल के रहने और मीटिंग स्थानों को भी किले जैसा बना दिया गया है। पुतिन के निर्धारित कार्यक्रम के अलावा उनके संभावित ‘अकस्मात’ गंतव्यों की भी सूची तैयार की गई है। इन सभी स्थानों की रूस के सुरक्षा अधिकारियों द्वारा कई दौर की जांच की जा रही है।
संभावित कार्यक्रमः सूत्रों के अनुसार गुरुवार को पुतिन का प्रधानमंत्री मोदी के साथ रात्रिभोज है। शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत होगा। फिर राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देंगे। उसी दिन हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय बैठक, भारत मंडपम में एक कार्यक्रम और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा दिए जाने वाले रात्रिभोज में शामिल होंगे। सभी जगह पांच-स्तरीय सुरक्षा होगी।
चर्चा में लिमोज़िनः सभी की निगाहें रूसी राष्ट्रपति की मशहूर ‘Aurus Senat’ लिमोज़िन कार पर भी होंगी। मॉस्को से विशेष विमान द्वारा यह लक्ज़री लिमोज़िन दिल्ली लाई जा रही है। 2018 में बाजार में आने के बाद से ही यह पुतिन की आधिकारिक कार है। यह कार साधारण नहीं-मानो एक चलता-फिरता किला! कई लोग इसे इसी नाम से बुलाते हैं। इस वर्ष SCO सम्मेलन के दौरान मोदी भी पुतिन के साथ इसी कार में सवार हुए थे।