नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के नये चेयरमैन सीपी राधाकृष्णन ने सदन की कार्यवाही संचालित की। सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने उन्हें सदन में स्वागत किया। इसी दौरान राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सवाल उठाया-'जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफ़ा देने की वजह से यह सदन उन्हें विदाई नहीं दे पाया। संसदीय परंपरा के अनुसार अब तक उनकी विदाई-सभा क्यों नहीं की गई?’
इस पर भाजपा अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने जवाब दिया-'आप डॉक्टर के पास जाइए। स्वागत समारोह में बेकार मुद्दे उठा रहे हैं। असल में बिहार–हरियाणा और कई हारों से आप परेशान हैं, इसलिए यह बात डॉक्टर को जाकर कहिए।’
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने भी राधाकृष्णन को शुभकामनाएं दीं। इसी दौरान उन्होंने चतुराई से बंगाल के बकाया पैसे और संघीय ढांचे के बिगड़ने पर सरकार को घेरा। डेरेक बोले-'राज्यसभा में संसदीय लोकतंत्र को स्वस्थ रखना आपकी ज़िम्मेदारी है। आप इस सदन के अभिभावक हैं। हम यहां बार-बार संघीय ढांचे की बात उठाते हैं और इसे सुरक्षित रखना भी आपकी ज़िम्मेदारी है।’
उन्होंने यह भी कहा कि किस तरह हर वर्ष संसद सत्र की अवधि कम होती जा रही है और कैसे विपक्ष के नोटिस खारिज किए जाते हैं तथा बहुमत के बल पर बिल पारित करा लिए जाते हैं। इसी के साथ उन्होंने 100 दिन के काम, आवास योजना, जल जीवन मिशन, सर्व शिक्षा अभियान आदि कई केंद्रीय योजनाओं में बंगाल के बकाया भारी रकम का मुद्दा उठाया। उनका आरोप था कि बार-बार अनुरोध के बाद भी केंद्र सरकार पैसा जारी नहीं कर रही। तृणमूल का दावा है कि केवल 100 दिन की योजना में ही बंगाल को 43,000 करोड़ रुपये से अधिक मिलना चाहिए और कुल मिलाकर लगभग 2 लाख करोड़ रुपये का बकाया अब तक नहीं दिया गया है।
उधर, संसद सूत्रों के अनुसार इसी सप्ताह ‘वंदे मातरम्’ गीत की 150वीं वर्षगांठ पर एक विशेष चर्चा आयोजित की जाएगी। गुरुवार या शुक्रवार को यह चर्चा हो सकती है और संभावना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसमें बोलेंगे। इस विशेष चर्चा के लिए कुल 10 घंटे निर्धारित किए गए हैं।