‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सैन्य महाशक्ति के रूप में भारत का रुतबा और बढ़ा

भारत की आर्थिक और सैन्य क्षमता-दोनों ही बढ़ी हैं। सैन्य ताकत के लिहाज से भारत को दुनिया का तीसरा सबसे शक्तिशाली देश माना गया है।

By कौशिक दत्ता, Posted by: श्वेता सिंह

Nov 29, 2025 12:29 IST

भारत पहले से ही दुनिया में आर्थिक रूप से शक्तिशाली देशों के रूप में मान्यता प्राप्त कर चुका है। अब एक सैन्य महाशक्ति के रूप में भी भारत का रुतबा और बढ़ा है। सैन्य शक्ति के आधार पर भारत को दुनिया का तीसरा सबसे शक्तिशाली देश चिह्नित किया गया है। ऐसा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभियान के बाद हुआ है।

देश को आर्थिक और सैन्य रूप से और मजबूत बनाने का लक्ष्य नई दिल्ली ने तय किया है। ठीक इसी समय भारत ने एशिया पावर इंडेक्स–2025 में ‘प्रमुख शक्ति’ का दर्जा हासिल किया है। यह दर्जा भारत को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभियान के दौरान उसके प्रदर्शन के आधार पर मिला है। यह मजबूत आर्थिक वृद्धि और सैन्य क्षमता पर आधारित है।

शुक्रवार को ऑस्ट्रेलिया-आधारित थिंक टैंक लोवी इंस्टीट्यूट द्वारा जारी ताज़ा आंकड़ों के अनुसार भारत ने इस क्षेत्र में विश्व रैंकिंग में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। इस सूची में भारत से आगे केवल संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन हैं।

संस्था के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष शक्ति के मामले में शीर्ष पांच देश हैं-अमेरिका, चीन, भारत, जापान और रूस। सबसे शक्तिशाली देश के रूप में अमेरिका ने अपनी स्थिति बरकरार रखी है। हालांकि 2018 में एशिया पावर इंडेक्स शुरू होने के बाद से अमेरिका की कुल शक्ति में उल्लेखनीय कमी आई है।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभियान के बाद भारत की सैन्य ताकत में भारी वृद्धि हुई है दूसरी तरफ पाकिस्तान पीछे छूट गया है। शीर्ष 10 देशों की सूची में पाकिस्तान जगह नहीं बना सका। इस रैंकिंग में पाकिस्तान दुनिया में 16वें स्थान पर है।

लोवी इंस्टीट्यूट ने बताया है कि भारत की आर्थिक और सैन्य दोनों ही क्षमताओं में वृद्धि हुई है। उनके अनुसार मज़बूत आर्थिक विकास के कारण भू-राजनीतिक प्रासंगिकता में भारत ने हल्का लाभ प्राप्त किया है। साथ ही भारत की सैन्य क्षमता भी लगातार बेहतर हुई है।

गौरतलब है कि पहलगाम में हमले के बाद इसी वर्ष मई महीने में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभियान चलाया था। इस अभियान में पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को भारतीय सेना ने ध्वस्त कर दिया था। इसके अलावा आतंकी ठिकानों के साथ-साथ पाकिस्तान के सैन्य वायुसेना ठिकानों को भी सटीक लक्ष्य बनाकर निशाना बनाया गया था।

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