इस वर्ष की शुरुआत में SCO के शिखर सम्मेलन के बाद वर्ष के अंत में अब नई दिल्ली गुरुवार की रात मोदी-पुतिन के ‘कार मोमेंट’ की गवाह बनी। मॉस्को से उड़ान भरकर दिल्ली के पालम तकनीकी हवाई अड्डे पर उतरने के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी गाड़ी में बिठाकर लोककल्याण मार्ग ले गये। SCO शिखर सम्मेलन के दौरान चीन के तियांजिन में पुतिन खुद मोदी को अपनी गाड़ी में बिठाकर ले गए थे।
रात को रूसी राष्ट्रपति पुतिन के विमान से उतरते ही प्रधानमंत्री मोदी ने प्रोटोकॉल की परवाह किए बिना उन्हें गले लगाकर गर्मजोशी से भारत में उनका स्वागत किया। कुछ अपवादों को छोड़कर, विदेशी राष्ट्राध्यक्षों का हवाई अड्डे पर स्वागत करने के लिए प्रधानमंत्री आमतौर पर नहीं जाते। प्रधानमंत्री द्वारा पुतिन का गर्मजोशी से स्वागत करना यह बताता है कि भारत के लिए रूस की मित्रता कितनी महत्वपूर्ण है। दिल्ली के पालम से सैकड़ों किलोमीटर दूर, उत्तर प्रदेश के वाराणसी में इस दिन शाम को गंगा आरती के दौरान प्रदीप की रोशनी में ‘स्वागतम पुतिन’ लिखा गया और रूसी राष्ट्रपति का भव्य स्वागत किया गया।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन दो दिन के दौरे पर भारत आए हैं ताकि 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग ले सकें। यूक्रेन युद्ध के बाद यह उनका भारत का पहला दौरा है। इसलिए पूरी दुनिया की नजर इस दौरे पर टिकी हुई है। विशेष रूप से, अमेरिका द्वारा नई दिल्ली पर कड़े टैरिफ लगाने के माहौल में रूस के साथ व्यापारिक संबंध रखने के दृष्टिकोण से पुतिन का यह दौरा और महत्वपूर्ण हो गया है।
इसी संदर्भ में क्रेमलिन ने बड़ा संदेश दिया। रूसी राष्ट्रपति के कार्यकारी कार्यालय के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ मैक्सिम ओरेश्किन ने बताया कि 2030 तक मोदी और पुतिन ने भारत–रूस द्विपक्षीय व्यापार को 10,000 करोड़ डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह लक्ष्य भारत से रूस में भारतीय उत्पादों और सेवाओं के निर्यात को बढ़ाकर पूरा किया जा सकता है।
दोनों राष्ट्राध्यक्षों की 5 दिसंबर की बैठक में इस रोडमैप को अंतिम रूप दिया जा सकता है।