श्रीनगरःराज्यसभा चुनाव के नतीजों के बाद जम्मू-कश्मीर की राजनीति में हलचल बढ़ गई है। भाजपा की जीत पर जहां पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह है, वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस और उसके सहयोगी दलों ने क्रॉस-वोटिंग और खरीद-फरोख्त के आरोप लगाते हुए इसकी आंतरिक जांच शुरू करने की बात कही है।
धारा 370 हटने के बाद हुआ पहला राज्यसभा चुनावः मालूम हो कि जम्मू-कश्मीर में 5 अगस्त 2019 को धारा 370 हटने के बाद हुआ पहला राज्यसभा चुनाव था। चार सीटों के लिए शुक्रवार को हुए चुनाव में तीन सीटें नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनएन) ने और एक सीट भाजपा ने जीती। भाजपा के सत शर्मा को कुछ विधायकों की क्रॉस वोटिंग से जीत मिली। एनसी के चौधरी मोहम्मद रमज़ान, सज्जाद किचलू और शम्मी ओबेरॉय राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए। ये चारों सीटें फरवरी 2021 से खाली थीं, जो अब भरी गई हैं।
मेरी पार्टी के किसी भी विधायक ने क्रॉस वोटिंग नहीं कीः उमर अब्दुल्लाः जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी के किसी भी विधायक ने क्रॉस वोटिंग नहीं की। उन्होंने प्रश्न किया कि भाजपा उम्मीदवार सतपाल शर्मा को चार अतिरिक्त वोट कहां से मिले। क्या उनमें इतना साहस है कि वे आगे आकर स्वीकार करें कि उन्होंने भाजपा की मदद की, जबकि पहले हमारा साथ देने का वादा किया था? उन्हें किस दबाव या लालच में यह फैसला लेना पड़ा? देखते हैं कि भाजपा की यह ‘गुप्त टीम’ अपनी आत्मा बेचने की बात स्वीकार करती है या नहीं!
भाजपा पर 'वोट चोरी' और 'हॉर्स ट्रेडिंग' के आरोपः भाजपा की एक सीट की जीत को लेकर तीखी राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आयी हैं। उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने शनिवार को इसे 'वोट चोरी' और 'हॉर्स ट्रेडिंग' की वजह से जीत बताया। उधमपुर में मीडिया से बातचीत में जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने चौथी सीट जीतने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त का सहारा लिया। भाजपा बिना लालच और ‘लॉलीपॉप’ दिए यह सीट नहीं जीत सकती थी। कुछ विधायकों को लालच देकर उनसे क्रॉस वोटिंग कराई गई। आंतरिक जांच में यह स्पष्ट हो ही जायेगा कि किसने धोखा दिया। भाजपा ने तो चारों सीटें जीतने की साजिश रची थी लेकिन तीन सीटें नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जीतीं।
यह विकास की जीत-भाजपाः वहीं, भाजपा के विजयी उम्मीदवार और जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष सत शर्मा ने कहा कि हमारे पास 28 विधायक थे, लेकिन चार अन्य विधायकों ने भी अपनी अंतरात्मा की आवाज़ पर हमें समर्थन दिया। भाजपा नेता अल्ताफ ठाकुर ने कहा कि यह विकास की जीत है और उन ताकतों की हार है जो जम्मू-कश्मीर में धार्मिक या क्षेत्रीय विभाजन पैदा करना चाहती थीं। जम्मू कश्मीर की राज्यसभा में चार सीटों को जीतने की सत्ताधारी नेशनल कान्फ्रेंस की कांग्रेस और पीडीपी के साथ मिलकर जो लामबंदी की थी, वह विफल रही। सत्ताधारी गठबंधन का साथ देने का दावा करने वालों में से चार विधायकों ने अंत में क्रास वोटिंग की है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जीत का जश्न मनायाः मालूम हो कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की। पार्टी के वरिष्ठ नेता चौधरी मोहम्मद रमज़ान को 58 वोट मिले, जबकि साजिद किचलू और शम्मी ओबेरॉय भी राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए। जीत के बाद पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं ने ढोल-नगाड़ों और नाच-गाने के साथ जश्न मनाया।
चुनावी पृष्ठभूमिः जम्मू-कश्मीर की चारों राज्यसभा सीटें फरवरी 2021 से खाली थीं, जब गुलाम नबी आज़ाद, मीर मोहम्मद फ़ैयाज़, शमशेर सिंह और नज़ीर अहमद लवाय का कार्यकाल समाप्त हुआ था। अब हुए इस चुनाव में एनसी को तीन और भाजपा को एक सीट मिली है।