दिल्ली विस्फोट से जुड़ी कई जानकारियां सामने आ रही हैं। सूत्रों के हवाले से मिली एक नई जानकारी में पता चला है कि इस जानलेवा धमाके में 2 किलोग्राम से ज्यादा अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया था। साथ ही एक और बात सामने आ रही है। बताया जाता है कि डॉक्टर उमर नबी अपने साथियों की एक के बाद एक हुई गिरफ्तारी की खबर सुनकर काफी घबरा गया था।
बता दें, डॉक्टर उमर ही विस्फोटकों से भरी लाल रंग की i20 कार चला रहा था। लाल किले की पार्किंग में करीब तीन घंटे इंतजार करने के बाद उसने अपनी कार बाहर निकाली और गाड़ी जब सिग्नल पर पहुंची तब उसमें धमाका हो गया।
बम बनाने का था विशेषज्ञ
लाल किले के सामने गत 10 नवंबर को हुए जोरदार धमाके में अब तक 13 लोगों के मारे जाने की जानकारी मिली है। घटना की जांच में पता चला है कि उमर न सिर्फ एक डॉक्टर था, बल्कि वह बम बनाने का 'विशेषज्ञ' भी था। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक फॉरेंसिक टीम ने कम से कम 52 विस्फोटकों के नमूने बरामद किए हैं। माना जा रहा है कि उमर ने अमोनियम नाइट्रेट, पेट्रोलियम और डेटोनेटर का इस्तेमाल करके शक्तिशाली विस्फोटक बनाया था।
क्यों 3 घंटे था पार्किंग में?
फॉरेंसिक जांच में भी पता चला है कि ऐसे विस्फोटक बनाने में 5 से 10 मिनट लगते हैं। तो क्या उमर ने कार में बैठे-बैठे ही विस्फोटक बनाए थे? ऐसे में सवाल उठता है कि उमर नबी ने उस कार को लाल किले की पार्किंग में लगभग 3 घंटे तक खड़ा क्यों करके रखा था? सीसीटीवी कैमरों की जांच से पता चलता है कि उमर 10 नवंबर की दोपहर में करीब 3:19 बजे पार्किंग में दाखिल हुआ। वह शाम 6:28 बजे वहां से निकला। इसके तुरंत बाद उसकी i20 कार लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास सिग्नल पर पहुंची जहां हुए भयानक विस्फोट ने राजधानी को हिलाकर रख दिया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े डॉक्टर उमर नबी की शुरुआती योजना लाल किले की पार्किंग के पास बम विस्फोट करने की थी। इस इलाके में अक्सर पर्यटक आते रहते हैं और यहां रिहायशी घर और एक व्यस्त बाजार भी है।
जांच में आगे खुलासा हुआ है कि फरीदाबाद में भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद होने और एक के बाद एक उसके साथियों की गिरफ्तारी की खबर सामने आने के बाद उमर काफी 'डर गया' था। बताया जाता है कि लाल किला सोमवार को बंद रहता है। इसलिए जब वह पार्किंग में पहुंचा, तो उसे चारों तरफ वह खाली मिला। लगभग तीन घंटे इंतजार करने के बाद वह नेताजी सुभाष मार्ग की ओर बढ़ा। इस मार्ग के एक तरफ लाल किला और दूसरी तरफ चांदनी चौक है। इसी बीच ट्रैफिक सिग्नल पर कार में विस्फोट हो गया।