बिहार में एनडीए की ऐतिहासिक जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के भीतर असंतोष बढ़ रहा है और पार्टी का एक बड़ा हिस्सा अपने नेतृत्व से नाराज़ है। मोदी ने विशेष रूप से राहुल गांधी को निशाने पर लिया और उन्हें 'नामदार नेता' कहा, जिनके व्यवहार से कांग्रेस के राष्ट्रवादी नेता खुश नहीं हैं।
मोदी ने कहा कि बिहार चुनाव के नतीजों को स्वीकार करने के बजाय कांग्रेस लगातार चुनाव आयोग पर आरोप लगा रही है। उन्होंने इसे जनता के जनादेश के खिलाफ बताया और कहा, “एनडीए और महागठबंधन के वोट प्रतिशत में 10 प्रतिशत का अंतर है। जनता ने स्पष्ट रूप से एकतरफा निर्णय दिया।”
प्रधानमंत्री ने बिहार की जीत को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि जनता ने जातिवाद के ज़हर को पूरी तरह नकार दिया। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले दो साल से जाति-आधारित राजनीति की कोशिश हुई, लेकिन जनता ने इसे स्वीकार नहीं किया।
नेशन फर्स्ट सिद्धांत को दोहराया
मोदी ने एक बार फिर अपने ‘नेशन फर्स्ट’ सिद्धांत को दोहराया। उन्होंने कहा कि बिहार में अपार प्रतिभा और विकास की संभावनाएँ हैं। महिलाओं और युवाओं को राज्य के विकास की नींव बताया और कहा कि इन्हें मजबूत करना ही बिहार के भविष्य की कुंजी है।
कांग्रेस पर तीखा हमला
मुस्लिम लीग और माओवादी कांग्रेस का आरोपप्रधानमंत्री ने कांग्रेस को 'मुस्लिम लीग–माओवादी कांग्रेस' कहते हुए निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में राष्ट्रवादी सोच वाले नेता हैं, लेकिन उनका बड़ा हिस्सा वर्तमान नेतृत्व के व्यवहार से असंतुष्ट है। मोदी ने चेताया कि वर्तमान स्थिति में कांग्रेस को कोई बचा नहीं सकता।
विश्लेषकों का मानना है कि मोदी का यह हमला कांग्रेस के अंदर असंतोष को उजागर करता है और पार्टी के भीतर टूट की संभावनाओं को रेखांकित करता है। बिहार में एनडीए की जीत के बाद मोदी लगातार कांग्रेस पर आक्रामक रणनीति अपनाकर अपनी ताकत दिखा रहे हैं।