दिल्ली धमाकों की जांच में अधिकारियों ने कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। सोमवार को लाल किले के पास हुए धमाके की साजिश जिन लोगों ने रची थी उनमें डॉ. शाहीन शाहिद भी एक है। दावा किया जा रहा है कि शाहीन आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने और अपने 'नेटवर्क' का विस्तार करने के लिए उत्तर प्रदेश के 30 से 40 डॉक्टरों के संपर्क में थी।
जांच अधिकारियों का दावा है कि उत्तर प्रदेश में काम कर रहे लगभग 200 कश्मीरी डॉक्टर अब संदिग्धों की सूची में हैं। भारतीय जांच अधिकारियों को शक है कि यह संख्या एक हजार से ज्यादा पर भी पहुंच सकती है। दिल्ली धमाकों के बाद पुलिस ने शाहीन को गिरफ्तार कर लिया था।
उससे हुई पूछताछ में पुलिस को पता चला कि शाहीन का नेटवर्क पाकिस्तान, तुर्की, मलेशिया, संयुक्त अरब अमीरात, मालदीव और बांग्लादेश तक में फैला हुआ था। उससे पूछताछ के बाद पुलिस को पता चला कि दिल्ली धमाकों के बाद शाहीन ने पाकिस्तान भागने की योजना बनाई थी। वह पाकिस्तानी सेना के एक डॉक्टर के नियमित संपर्क में भी थी।
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दावा किया जा रहा है कि शाहीन ने अपने भाई डॉ. परवेज को भी 'व्हाइट कॉलर मॉड्यूल' का सक्रिय सदस्य बनने का प्रशिक्षण दिया था। शाहीन अपने भाई के जरिए नेटवर्क के दूसरे डॉक्टरों को हथियार भेजती थी। पकड़े जाने से बचने के लिए वह परवेज को स्मार्टफोन भी इस्तेमाल नहीं करने देती थी।
खुफिया सूत्रों का दावा है कि जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठन अपने आतंकी गतिविधियों के लिए पढ़े-लिखे लोगों का इस्तेमाल करते हैं। दिल्ली समेत कई अन्य बड़े शहरों में आतंकी हमला करने की साजिशें रची जा रही थी। इसीलिए दिल्ली, उत्तर प्रदेश और कश्मीर के डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों को निशाना बनाया जा रहा था। बताया जाता है कि पुलिस की सूची में शामिल कई संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है।