दिल्ली विस्फोट मामले में नई जानकारी सामने आई है। 10/11 दिल्ली विस्फोट में शामिल आतंकियों और डॉक्टरों ने आपस में संपर्क साधने के लिए एक खास तरीका अपनाया था। इसका नाम था ‘डेड ड्रॉप’। यह संपर्क ईमेल के जरिए होता था, लेकिन साधारण ईमेल की तरह नहीं। कोई संदेश सीधे भेजा नहीं जाता था। एक व्यक्ति ईमेल में ड्राफ्ट तैयार करता और बाकी लोग उसी अकाउंट में लॉग इन करके पढ़ लेते कि योजना क्या है।
10 नवंबर की शाम दिल्ली के लालकिला इलाके में जब यह भयानक विस्फोट हुआ, केंद्रीय एजेंसियों ने इसे आतंकवादी गतिविधि के रूप में प्रस्तुत किया। इस मामले में मुझम्मिल शाकिल, उमर नबी और शाहिन सईद नामक तीन डॉक्टर जांचकर्ताओं की स्कैनिंग में आए। इनके पाकिस्तान की जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी समूह के टेरर मॉड्यूल से जुड़े होने की पुष्टि भी हुई।
जांच में यह भी पता चला कि ये डॉक्टर सूचना आदान-प्रदान के लिए ईमेल अकाउंट का इस्तेमाल करते थे। वे ड्राफ्ट फोल्डर में अपनी योजनाएं लिखते और बाकी लोग लॉग इन करके उसे पढ़ लेते। कभी भी ईमेल को सेंड नहीं किया जाता था ताकि कोई डिजिटल फूटप्रिंट न छूटे।
इसके अलावा, यह भी सामने आया कि ये लोग Threema और Telegram जैसे प्लेटफ़ॉर्म्स का भी इस्तेमाल करते थे।