समाचार एई समय। हालिया बिहार विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव में लड़ने वाले उम्मीदवारों से मुलाकात कर हार की वजहों का विश्लेषण किया। उम्मीदवारों ने पार्टी की शीर्ष नेतृत्व से कहा कि एनडीए सरकार द्वारा महिलाओं को 10,000 रुपये का ट्रांसफर, महागठबंधन सहयोगियों के बीच सीट शेयरिंग में देरी और पार्टी के भीतर विवाद हार के मुख्य कारण रहे।
कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने उम्मीदवारों से की मुलाकात
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और संगठन के प्रभारी एआईसीसी महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने बिहार चुनावों में हार के कुछ दिनों बाद उम्मीदवारों के साथ समीक्षा बैठक की। तीनों शीर्ष नेताओं ने उम्मीदवारों से 10-10 के समूह में मुलाकात की।
इसके बाद, वरिष्ठ राज्य नेताओं के साथ मिलकर व्यापक हार के कारणों पर चर्चा की गई। इसमें बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम, बिहार प्रभारी कृष्ण अल्लवरु, कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह , तारिक अनवर और स्वतंत्र सांसद पप्पू यादव शामिल थे। सूत्रों के अनुसार, कुछ नेताओं ने मतदाता सूची में कथित गड़बड़ियों और अन्य चुनावी अनियमितताओं को भी उठाया।
उम्मीदवारों ने हार की वजहों का विश्लेषण किया
अराबरी के विधायक अबीदुर रहमान ने कहा, “हार की कई वजहें थीं। सबसे पहली वजह है कि मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन करते हुए 10,000 रुपये दिए गए। गठबंधन समय पर नहीं बन पाया। 10-11 सीटों पर पार्टी के बीच मित्रवत मुकाबला हुआ, जिससे जनता को गलत संदेश गया।” उन्होंने कहा, “गठबंधन समय पर बनना चाहिए था। धार्मिक और जातीय तनाव का असर पड़ा।” उन्होंने बिहार के सीमांचल क्षेत्र में AIMIM के मजबूत प्रदर्शन को भी हार का एक कारण बताया।
अबीदुर रहमान ने यह भी कहा कि स्थिति ऐसी थी कि अगर किसी पुरुष ने कांग्रेस को वोट दिया तो उसकी पत्नी ने एनडीए को वोट दिया। इसके पीछे 10,000 रुपये के महिलाओं को ट्रांसफर का असर रहा। उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ और युवा नेताओं के बीच मतभेद की भी बात कही।
बिहार विधानसभा चुनाव का परिणाम
कांग्रेस ने कुल 61 सीटों में से केवल 6 सीटें जीती। राज्य इकाई अध्यक्ष राजेश कुमार कुटुंबा सीट से हार गए। विधायक दल के नेता शकील अहमद खान कडवा सीट से JD(U) के दुलाल चंद्र गोस्वामी से 18,368 वोटों के अंतर से हार गए।
बिहार चुनाव में इन 6 कांग्रेस उम्मीदवारों-सुरेंद्र प्रसाद (वल्मीकी नगर), अभिषेक रंजन (चंपाटिया), मनोज बिश्वास (फोर्ब्सगंज), अबीदुर रहमान (अररिया), मोहम्मद क़मरुल हौदा (किशनगंज), मनोहर प्रसाद सिंह (मणिहारी) ने जीत हासिल की थी।
समीक्षा बैठक में चर्चा और अफवाहों का खंडन
एक अन्य उम्मीदवार तौकीर आलम ने बताया कि नेतृत्व ने उम्मीदवारों से 10-10 के समूह में मिलकर हार के कारणों पर चर्चा की। कुछ रिपोर्ट्स में बैठक के दौरान दो उम्मीदवारों के बीच झगड़े की बात कही गई थी, लेकिन पूर्णिया के स्वतंत्र सांसद पप्पू यादव ने इसे “झूठी खबर” बताया।
एक अन्य उम्मीदवार तौकीर आलम ने बताया कि नेतृत्व ने उम्मीदवारों से 10-10 के समूह में मिलकर हार के कारणों पर चर्चा की। कुछ रिपोर्ट्स में बैठक के दौरान दो उम्मीदवारों के बीच झगड़े की बात कही गई थी, लेकिन पूर्णिया के स्वतंत्र सांसद पप्पू यादव ने इसे “झूठी खबर” बताया।