पहले डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था । उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान गुप्त रूप से परमाणु हथियारों का परीक्षण कर रहा है। यह खबर सामने आते ही हड़कंप मच गया। इस मुद्दे पर अब नई दिल्ली ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान पर गुप्त रूप से परमाणु हथियारों के परीक्षण का आरोप लगाया था। उनके इस बयान के बाद से ही एशियाई राजनीति में हलचल तेज हो गई है। शुक्रवार को ट्रंप के दावे पर भारत के विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया दी। पाकिस्तान पर तीखा प्रहार करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा - “गैरकानूनी परमाणु गतिविधियां इस्लामाबाद के इतिहास का हिस्सा रही हैं।” उन्होंने आगे कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान की इन गतिविधियों पर गंभीर नजर रखनी चाहिए।
पिछले सप्ताह सीबीएस न्यूज़ को दिए एक साक्षात्कार में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका फिर से परमाणु हथियार परीक्षण शुरू करेगा। उसी संदर्भ में बोलते हुए उन्होंने रूस, चीन और पाकिस्तान का नाम लिया था। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मच गई।
हालांकि, पाकिस्तान के एक अधिकारी ने ट्रंप के इस दावे को खारिज करते हुए कहा, “पाकिस्तान ने कोई परमाणु परीक्षण नहीं किया है और न ही हम ऐसा करेंगे।” लेकिन इन बयानों के बावजूद अटकलें थमी नहीं हैं। अब सवाल उठ रहा है -क्या पाकिस्तान वाकई गुप्त रूप से परमाणु हथियारों का परीक्षण कर रहा है?
नई दिल्ली में शुक्रवार को आयोजित विदेश मंत्रालय की साप्ताहिक प्रेस वार्ता में प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा, “पाकिस्तान के परमाणु परीक्षण को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप की टिप्पणी हमारे ध्यान में आई है। गैरकानूनी परमाणु गतिविधियां चलाने का लंबा इतिहास पाकिस्तान का रहा है। यह इतिहास तस्करी, निर्यात कानूनों के उल्लंघन, गुप्त साझेदारी और ए.क्यू. खान नेटवर्क पर आधारित रहा है। भारत ने हमेशा अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान की इस पृष्ठभूमि से अवगत कराया है और आगे भी कराता रहेगा।”
भारत और पाकिस्तान दोनों ही परमाणु शक्ति सम्पन्न देश हैं। हालांकि भारत ने ‘पहले परमाणु हमला नहीं करने’ का समझौता किया हुआ है। लेकिन भारत का आरोप है कि पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष से लेकर कई मंत्री और नेता लगातार उत्तेजक बयान देते रहे हैं। इस पर नई दिल्ली ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है और स्पष्ट किया है कि परमाणु हथियारों को लेकर कोई भी धमकी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
लेकिन अब ट्रंप की टिप्पणी ने इस विवाद को और भड़का दिया है। 30 अक्टूबर को ट्रंप ने दक्षिण कोरिया की भूमि से परमाणु हथियार परीक्षण शुरू करने का आदेश दिया था। उन्होंने कहा था - “हाँ, हम परीक्षण करेंगे। अगर दूसरे देश कर सकते हैं तो हम क्यों नहीं कर सकते? इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं कहूंगा।”
ट्रंप के इस बयान के एक सप्ताह बाद ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी परमाणु हथियार परीक्षण की संभावित रूपरेखा तैयार करने का आदेश जारी कर दिया। विशेषज्ञों का कहना है कि दुनिया के सबसे बड़े परमाणु हथियार संपन्न देशों की इन गतिविधियों से वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव और बढ़ सकता है।