नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 1,400 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में यूनाइटेड किंगडम में बकिंघम पैलेस के पास स्थित एक उच्च-मूल्य संपत्ति को अटैच किया है।
एजेंसी ने बुधवार को जानकारी दी कि लगभग 150 करोड़ रुपये मूल्य की यह संपत्ति व्यवसायी नितिन शंभुकुमार कसलीवाल और उनके परिवार के सदस्यों के लाभकारी स्वामित्व (बेनेफिशियल ओनरशिप) में है। एस कुमार्स नेशनवाइड लिमिटेड के पूर्व चेयरमैन और प्रबंध निदेशक कसलीवाल पर कई प्राथमिकी के अनुसार भारतीय बैंकों के एक संघ (कंसोर्टियम) के साथ 1,400 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है।
ईडी के इंदौर उप-क्षेत्रीय कार्यालय ने इस उच्च-मूल्य संपत्ति को कुर्क करने के लिए 30 दिसंबर 2025 को अस्थायी कुर्की आदेश (प्रोविजनल अटैचमेंट ऑर्डर) जारी किया।
यह कार्रवाई उस समय की गई है जब एक सप्ताह पहले जांच के दौरान ईडी ने 23 दिसंबर को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 की धारा 17 के तहत तलाशी अभियान चलाया था और मामले में विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेजों के साथ डिजिटल उपकरण भी जब्त किए थे। ईडी के अधिकारियों ने बताया कि जब्त सामग्री के विस्तृत विश्लेषण से यह सामने आया कि “कसलीवाल ने ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स (बीवीआई), जर्सी और स्विट्ज़रलैंड सहित कई अपतटीय कर-स्वर्गों में ट्रस्टों और कंपनियों का एक जटिल नेटवर्क स्थापित किया था।”
ईडी ने एक बयान में कहा कि जांच में यह उजागर हुआ कि नितिन कसलीवाल ने ‘कैथरीन ट्रस्ट’ (पूर्व में सूर्य ट्रस्ट) नामक एक ट्रस्ट की स्थापना की थी, जिसमें वह और उनके परिवार के सदस्य मुख्य लाभार्थी थे। इस ट्रस्ट के नियंत्रण में जर्सी और ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में स्थित एक कंपनी ‘कैथरीन प्रॉपर्टी होल्डिंग लिमिटेड थी, जिसके पास लंदन में स्थित उक्त उच्च-मूल्य अचल संपत्ति का स्वामित्व था। कसलीवाल ने एस कुमार्स नेशनवाइड लिमिटेड के माध्यम से बैंकों के कंसोर्टियम के साथ लगभग 1,400 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की और विदेशी निवेश की आड़ में धन को भारत से बाहर भेजा। इसके बाद उन्होंने विदेशों में अचल संपत्तियाँ खरीदीं, जिन्हें निजी ट्रस्टों और विदेशी क्षेत्रों में स्थित कंपनियों की जटिल संरचना के जरिए छिपाया गया।