लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ में राष्ट्र प्रेरणा स्थल के पास घैला गांव में 170 भेड़ों की मौत का मामला गरमा गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही आर्थिक सहायता का भी ऐलान किया गया है। 10 हजार रुपये प्रति भेड़ के हिसाब से दिया जाएगा।
पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. राम प्रकाश सचान ने कहा कि भेड़ों का पोस्टमार्टम किया गया है, जिसमें सामान्य रूप से सेवन करने वाली घास मिली है। इसके परीक्षण के लिए प्रयोगशाला भेजा जा रहा है जिसमें मौत का कारण साफ हो सकेगा। साथ ही घायल भेड़ों का इलाज किया गया है।
भेड़ चरवाहों का क्या कहना है ?
भेड़ चराने वाले विजय पाल ने बताया कि घैला गांव के पास हम लोग थे, रविवार शाम से दिक्कत चालू हो गई थी। यहां पर विषैला सामान वगैरह को खा लिया जिसकी वजह से रात से मौत होना शुरू हो गई थी। सुबह जब इसकी जानकारी दी तो डॉक्टरों की टीम आ गई थी, जो घायल भेड़ थी उनका इलाज किया गया है। साथ ही जो भेड़ मर गई है उनका 8.70 लाख रुपये का आर्थिक मुआवजा दिया गया है।
एक अन्य भेड़ चरवाह शिव रतन ने बताया कि भेड़ों ने कोई पदार्थ खा लिया है, जिससे दिक्कत हो गई है। इलाज के बाद कुछ भेड़ ठीक हो गई हैं। जो भेड़ ठीक नहीं हुई है, उनका योगी सरकार ने क्लेम दिया है।
यूपी कांग्रेस ने कसा तंज
इस पूरे मामले में यूपी कांग्रेस ने प्रतिक्रिया दी है। यूपी कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी की चकाचौंध के पीछे का असली अंधेरा देखिए। मोदी जी ने फीता काटा, वाह-वाही लूटी और चले गए। पीछे छोड़ गए प्रशासन की ऐसी लापरवाही जिसने 170 बेजुबान भेड़ों की जान ले ली। उत्सव का बचा हुआ खाना कूड़े की तरह फेंक दिया गया, जो उन भेड़ों के लिए ज़हर बन गया।
यूपी कांग्रेस ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा- सरकार और प्रशासन सो रहे हैं और किसान बर्बाद हो गया। अब बताइए, असली गुनहगार कौन ? इवेंट मैनेजमेंट वाली सरकार या वो अधिकारी जिन्हें सफाई की फुरसत नहीं थी ? कांग्रेस ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार जवाब दे। उन गरीब किसानों के आंसुओं का हिसाब कौन देगा जिनका घर इन भेड़ों से चलता था।