भारत एक ऐसा देश है जहाँ धार्मिक विविधताओं और रंग-बिरंगे त्योहारों को मनाया जाता है। उनमें से एक है गंगासागर मेला। यह संगम एक ऐसा स्थल है जहाँ दुनिया के विभिन्न स्थानों से तीर्थयात्री अपनी आत्मा को शुद्ध करने की उम्मीद के साथ यहाँ एकत्रित होते हैं। कहने का अर्थ है मकर संक्रांति के दिन, गंगासागर पूरी दुनिया से सांस्कृतिक विविधताओं से जुड़ी अथाह भीड़ का परिचय देता है। कोविड-19 के कारण भक्तों से मोक्ष प्राप्ति के मार्ग पर चलने का अवसर छीन लेना एक घोर अन्याय से कम नहीं है। इसलिए, प्रशासन ने एक मास्टर प्लान बनाया और ई-दर्शन की शुरुआत हुई। यह एक विशेष पहल है जो आस्था के सबसे बड़े मिलन स्थल गंगासागर को उँगलियों के इशारों पर ले आया है। इस साल भी यह प्रयास जारी रहेगा। इसे विशेष रूप से उन तीर्थयात्रियों के लिए तैयार किया गया है जो चाह कर भी इस धार्मिक स्थल की यात्रा नहीं कर सकते थे लेकिन अब घर बैठे ही इस दिव्य यात्रा का अनुभव ले सकते हैं। गंगासागर वेबसाइट नए जमाने की इंटरएक्टिव मीडिया है जो मेला से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी आपके समक्ष प्रस्तुत करेगी और सीधे मेला ग्राउंड से इसका प्रसारण करेगी। एक निर्दिष्ट सोशल मीडिया पेज मेले की नवीनतम गतिविधियों और यादगार क्षणों को भी आपके सामने ले आएगा।
सागर प्रवचनः
एक तीर्थ यात्रा तब तक अधूरी रहती है जब तक उसमें संतों के उपदेशों से अर्जित ज्ञान और प्रज्ञान के अनुभवों का समावेश नहीं होता है और गंगासागर इससे अछूता नहीं है। मानव जाति को मृत्यु और पुनर्जन्म के चक्र से मुक्त करने के लिए, इस तरह की और भी जागृति की खोज करने और ज्ञान के अभाव को पूरा करने के कर्मों से ही प्रवचन केंद्र का उदय हुआ है। यह दक्षिण 24 परगना जिला अधिकारियों द्वारा शुरू किया गया एक आध्यात्मिक केंद्र है। यह तीर्थयात्रियों को तटों पर चिंतन-मनन का एक दुर्लभ अवसर प्रदान करता है जो ध्यान और पाठ के माध्यम से एक वैदिक आश्रम की शांति और निर्मलता को उनके समक्ष प्रतिबिंबित करता है और उन्हें उनकी सांसारिक परेशानियों को पीछे छोड़ने में सहायक सिद्ध होता है।