पुरुलिया में दुर्जन माझी की अस्वभाविक मौत के मामले में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव आयुक्त (CEO) मनोज अग्रवाल के खिलाफ थाना में शिकायत दर्ज करवायी गयी है। पुरुलिया पाड़ा थाना में दुर्जन माझी के बेटे कन्हाई माझी ने शिकायत दर्ज करवायी है।
मृतक के बेटे का दावा है कि उनके पिता के पास वैध मतदाता कार्ड है। साल 2002 के SIR में भी नाम है, कई बार चुनाव भी दिया है। इसके बावजूद दुर्जन को सुनवाई के लिए बुलाया गया था जिसे लेकर वह काफी चिंतित थे।
परिवार का दावा है कि इस मानसिक अवसाद की वजह से ही उन्होंने अपना जीवन समाप्त कर लिया। मिली जानकारी के अनुसार दुर्जन माझी पुरुलिया पाड़ा विधानसभा के अनारा ग्राम पंचायत के चौताला गांव के निवासी थे। सोमवार को गांव के पास रेलवे लाइन से उनका शव बरामद किया गया था।
सोमवार को ही पाड़ा ब्लॉक ऑफिस में सुनवाई के लिए उन्हें बुलाया गया था। परिवार का दावा है कि दुर्जन को डर था कि अगर वह ठीक से कागज नहीं दिखा सकें तो उन्हें किसी और जगह भेज दिया जाएगा। मिली जानकारी के अनुसार परिवार में वह अक्सर कहा करते थे कि उन्हें बांग्लादेश भेज दिया जाएगा।
इसके साथ ही सोमवार को जब वह सुनवाई के लिए घर से निकले थे तो उन्हें टोटो (ई-रिक्शा) नहीं मिल रहा था। अगर टोटो नहीं मिला और समय पर सुनवाई केंद्र पर नहीं पहुंच सकें तो क्या होगा? बताया जाता है कि उनके घर से पाड़ा ब्लॉक की दूरी करीब 10 किलोमीटर थी। इसके बाद ही रेलवे लाइन के किनारे से उनका शव बरामद किया गया। परिवार का दावा है कि यह कोई आम घटना नहीं है। परिवार का आरोप है कि सुनवाई के डर से ही उन्होंने आत्महत्या कर ली थी।
परिवार का कहना है कि इस प्रक्रिया की जिम्मेदारी जिन लोगों पर थी वह अपने दायित्व से नहीं भाग सकते हैं। इसलिए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज अग्रवाल के खिलाफ थाना में दुर्जन माझी के परिवार ने शिकायत दर्ज करवायी है।