केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले अपने बंगाल दौरे के दौरान घुसपैठ के मुद्दे को हथियार की तरह इस्तेमाल किया है। अब तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) ने उन पर तीखा हमला बोला।
मंगलवार को दिल्ली रवाना होने से पहले कोलकाता एयरपोर्ट पर उन्होंने कहा, "अमित शाह आजादी के बाद देश के इतिहास में सबसे नाकाम और सबसे बेकार गृह मंत्री हैं।" अभिषेक बनर्जी ने कहा कि अगर लंबे समय तक गृह मंत्री रहने के बाद घुसपैठ जैसी कोई घटना होती है तो अमित शाह को सबसे पहले इस्तीफा देना चाहिए।
अमित शाह ने मंगलवार (30 दिसंबर) को कहा, '2026 के विधानसभा चुनाव में घुसपैठ सबसे बड़ा मुद्दा होने वाला है। हम न सिर्फ उन्हें रोकेंगे बल्कि उन्हें देश से बाहर निकाल देंगे।' साथ ही उन्होंने मतुआ सम्प्रदाय के लोगों को भरोसा दिलाया कि उन्हें 'कोई डर' नहीं है। इस बात पर अभिषेक बनर्जी ने गृह मंत्री पर पलटवार किया।
इसके लिए उन्होंने भाजपा के ही दो सांसदों अनंत महाराज और जगन्नाथ सरकार के बयानों का इस्तेमाल किया। अभिषेक बनर्जी ने कहा, 'कुछ दिन पहले राज्यसभा सांसद अनंत महाराज ने कहा था कि देश के गृह मंत्री सबसे बड़े घुसपैठिए और पाकिस्तानी हैं। वहीं राणाघाट से लोकसभा सांसद जगन्नाथ सरकार ने कहा था कि अगर वह सत्ता में आए तो सीमा नाम की कोई चीज नहीं होगी। अमित शाह उस सीमा को सुरक्षित करने की जिम्मेदारी ममता बनर्जी पर डाल रहे हैं।'
अभिषेक बनर्जी ने यह भी सवाल उठाया कि क्या भाजपा ने जगन्नाथ सरकार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है? दिल्ली धमाका और पहलगाम आतंकी हमले का मुद्दा उठाते हुए अभिषेक बनर्जी ने पूछा कि ये घटनाएं किसकी नाकामी थी? उन्होंने कहा, "बिहार चुनाव से चार दिन पहले राजधानी दिल्ली में धमाका हुआ। क्या वहां ममता बनर्जी की सरकार थी? चार आतंकवादी जम्मू-कश्मीर में घुसे और 26 लोगों को गोली मार दी। वहां की पुलिस के लिए कौन जिम्मेदार है?"
उन्होंने आगे कहा सीमा पर सुरक्षा की जिम्मेदारी BSF की है। यह गृह मंत्रालय के अधीन हैं। दिल्ली पुलिस, जम्मू-कश्मीर पुलिस भी गृह मंत्रालय के अधीन ही है। इन घटनाओं के लिए कौन जिम्मेदार है?" इसी बारे में अपना बयान देते हुए अभिषेक बनर्जी ने अमित शाह पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्हें आजादी के बाद देश का सबसे नाकाम गृह मंत्री बताया।
अभिषेक बनर्जी ने अमित शाह के मतुआ सम्प्रदाय के लोगों पर दिए गए बयान के जवाब में शांतनु ठाकुर का नाम लिए बिना उन पर हमला बोला। उन्होंने कहा, "भाजपा यह लालच दे रही है कि वह मतुआ सम्प्रदाय के लोगों को नागरिकता देगी। मतुआ लोगों के प्रतिनिधि लोकसभा सांसद कह रहे हैं कि अगर मतुआ लोगों का नाम हटा दिया गया तो वे चले जाएंगे। यही भाजपा की राजनीति है।" अभिषेक बनर्जी ने मजाक उड़ाते हुए कहा कि बंगाल के लोग तीन महीने बाद लड्डू देंगे।
अभिषेक ने आरोप लगाया कि सुकांत मजूमदार के अपने चुनावी क्षेत्र के दो प्रवासी मजदूर बांग्लादेशी होने के शक में लगभग 6 महीने तक महाराष्ट्र की जेल में बंद रहे लेकिन भाजपा सांसद ने उनकी मदद नहीं की। गौरतलब है कि अभिषेक बनर्जी ने जमानत मिलने के बाद दोनों प्रवासी मजदूरों असित सरकार (54) और गौतम बर्मन (42) से मुलाकात की।