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परिवहन और संचार साधनों से अब सुगम हो गया है गंगासागर तीर्थ

पश्चिम बंगाल के दक्षिण चौबीस परगना जिले में स्थित इस तीर्थस्थल पर कपिल मुनि का मंदिर है, जिन्होंने भगवान राम के पूर्वज और इक्ष्वाकु वंश के राजा सगर के 60 हजार पुत्रों का उद्धार किया था।

By लखन भारती

Dec 29, 2025 20:17 IST

भारत की नदियों में सबसे पवित्र गंगा नदी है, जो गंगोत्री से निकल कर पश्चिम बंगाल में आकर सागर में मिलती है। गंगा का जहां सागर से मिलन होता है उस स्थान को ‘गंगासागर’ कहते हैं। इसे सागरद्वीप भी कहा जाता है। यह स्थान देश में आयोजित होने वाले तमाम बड़े मेलों में से एक गंगासागर मेला के लिए सदियों से विश्वविख्यात है। हिन्दू धर्मग्रन्थों में इसकी चर्चा मोक्षधाम के तौर पर की गई है, जहां मकर संक्रान्ति के मौके पर दुनिया भर से लाखों श्रद्धालु मोक्ष की कामना लेकर आते हैं और सागर-संगम में पुण्य की डुबकी लगाते हैं।

पश्चिम बंगाल के दक्षिण चौबीस परगना जिले में स्थित इस तीर्थस्थल पर कपिल मुनि का मंदिर है, जिन्होंने भगवान राम के पूर्वज और इक्ष्वाकु वंश के राजा सगर के 60 हजार पुत्रों का उद्धार किया था। मान्यता है कि यहां मकर संक्रान्ति पर पुण्य-स्नान करने से मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है। मान्यता है कि गंगासागर की तीर्थयात्रा सैंकड़ों तीर्थयात्राओं के समान है। हर किसी को यहां आना नसीब नहीं होता। इसकी पुष्टि एक प्रसिद्ध लोकोक्ति से होती है, जिसमें कहा गया है, सारे तीर्थ बार-बार, गंगासागर एक बार। हालांकि यह उस जमाने की बात है जब यहां पहुंचना बहुत कठिन था। आधुनिक परिवहन और संचार साधनों से अब यहां आना सुगम हो गया है।

कैसे जाएं गंगासागर ?

कोलकाता से गंगासागर का सफर थोड़ा लंबा हो सकता है। सबसे पहले कोलकाता के बाबूघाट से काकद्वीप के लिए बस पकड़ें। या फिर आप एस्प्लानेड(धर्मतल्ला) बस टर्मिनस पर बस सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं। इस यात्रा में लगभग 3 घंटे लगेंगे। यहाँ से मुरीगंगा नदी को नाव से पार करते हुए कचुबेरिया पहुँचे। कचुबेरिया से बस सेवा उपलब्ध है जो आपको एक घंटे में गंगासागर ले आएगी।

सियालदह स्टेशन(दक्षिण शाखा) से काकद्वीप या नामखाना तक रेल मार्ग की यात्रा भी चुन सकते हैं। हालांकि, यह देश के बाकी हिस्सों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ नहीं है। चाहे आप कोई भी स्टेशन चुनें, सागरद्वीप तक की यात्रा आप टैक्सी, बस और फेरी के मेल से ही कर पाएंगे।

सार्वजनिक परिवहन तीर्थयात्रियों के लिए सागरद्वीप में और उसके आसपास उपलब्ध सबसे सुविधाजनक और सुगम्य विकल्प है।

नेताजी सुभाष चंद्र एयरपोर्ट के लिए फ्लाइट ले सकते हैं, जो द्वीप से लगभग 142 किमी. दूर है। एयरपोर्ट से कैब या बस के जरिए काकद्वीप पहुँचा जा सकता है, जो गंगासागर से लगभग 35.5 किमी. दूर है और शेष यात्रा फेरी से भी गंगासागर जाया जाता है।

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गंगासागरः एक अथाह सागर की अनंत गाथा

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