🔔 ताज़ा ख़बरें सबसे पहले!

Samachar EiSamay की ब्रेकिंग न्यूज़, राजनीति, खेल, मनोरंजन और बिज़नेस अपडेट अब सीधे आपके पास।

“कोई समझौता नहीं, सीधी लड़ाई”, बंगाल भाजपा को अमित शाह का चुनावी मंत्र

TMC-BJP सेटिंग के आरोप खारिज, संगठन मजबूत करने पर दिया जोर।

By मणिपुष्पक सेनगुप्त, Posted by: श्वेता सिंह

Dec 31, 2025 16:30 IST

कोलकाताः पश्चिम बंगाल की राजनीति में लंबे समय से चल रही तृणमूल कांग्रेस (TMC) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच कथित ‘सेटिंग थ्योरी’ को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बेहद सख्त और स्पष्ट संदेश दिया है। मंगलवार को कोलकाता दौरे के दौरान अमित शाह ने न केवल सार्वजनिक मंच से इस नैरेटिव को खारिज कर दिया। उन्होंने बंद कमरे में हुई बैठकों में भी पार्टी नेताओं को दो टूक में स्पष्ट कर दिया कि “दोनों पार्टियों में किसी तरह का कोई समझौता या सेटिंग नहीं है।”

मंगलवार सुबह पत्रकारों से बातचीत के दौरान जब अमित शाह से TMC-BJP की कथित ‘सेटिंग’ को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने बिना किसी लाग-लपेट के जवाब दिया। शाह ने कहा कि जो लोग अवैध घुसपैठियों को संरक्षण दे रहे हैं, उनके साथ भाजपा का कोई संबंध हो ही नहीं सकता। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि भाजपा का लक्ष्य पश्चिम बंगाल से तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से उखाड़ फेंकना है। शाह के इस बयान को पार्टी के आधिकारिक रुख के तौर पर देखा जा रहा है। इससे यह संदेश देने की कोशिश की गई कि केंद्र और राज्य स्तर पर भाजपा पूरी तरह से आक्रामक रणनीति पर काम कर रही है।

हालांकि मामला यहीं खत्म नहीं हुआ। शाम को साल्टलेक के सेक्टर फाइव स्थित एक पांचतारा होटल में राज्य भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ अमित शाह की एक बैठक हुई। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में भी ‘सेटिंग थ्योरी’ का मुद्दा उठा। कुछ राज्य नेताओं ने संगठन और कार्यकर्ताओं के बीच इस धारणा के असर को लेकर चिंता जताई। इस पर अमित शाह ने सख्त रवैया अपनाया। उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा कि अगर BJP और TMC के बीच कोई सेटिंग होती, तो फिर इतने सारे केंद्रीय पर्यवेक्षक बंगाल में क्यों तैनात रहते? दिल्ली से केंद्रीय नेतृत्व को बार-बार बंगाल क्यों आना पड़ता?

बैठक में अमित शाह ने साफ तौर पर राज्य नेतृत्व को जिम्मेदारी सौंपी कि वे पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं यानी बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं और आम मतदाताओं के मन से ‘सेटिंग’ को लेकर फैल रही हर तरह की गलतफहमी को जल्द से जल्द दूर करें। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव में अब ज्यादा समय नहीं बचा है, इसलिए इस काम में देरी की कोई गुंजाइश नहीं है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, शाह का मानना है कि इस तरह की अफवाहें संगठन को कमजोर करती हैं और कार्यकर्ताओं के मनोबल पर नकारात्मक असर डालती हैं।

इसी बैठक में पश्चिम बंगाल में चल रही वोटर लिस्ट की स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया को लेकर भी चिंता जताई गई। राज्य भाजपा के कुछ नेताओं ने आशंका जाहिर की कि इस प्रक्रिया के दौरान बड़ी संख्या में हिंदू बंगाली मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाए जा सकते हैं, जिसका सीधा असर 2026 के विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन पर पड़ सकता है। नेताओं ने अमित शाह को बताया कि जमीनी स्तर पर इसे लेकर कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच बेचैनी बढ़ रही है।

इस मुद्दे पर अमित शाह ने राज्य नेताओं को आश्वस्त करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया को लेकर उन्हें ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है और इसमें सीधे हस्तक्षेप करने की आवश्यकता भी नहीं है। शाह ने स्पष्ट किया कि राज्य नेतृत्व को अपना पूरा ध्यान संगठन की कमजोरियों को पहचानने और उन्हें दूर करने पर लगाना चाहिए। उनके मुताबिक, मजबूत संगठन ही आने वाले चुनाव में सफलता की कुंजी होगा।

दिन के अंत में अमित शाह ने एक अन्य होटल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और उसके सहयोगी संगठनों के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ अलग बैठक की। इस बैठक में बीजेपी के कई केंद्रीय नेता मौजूद थे, लेकिन राज्य बीजेपी के किसी भी नेता को इसमें शामिल नहीं किया गया। राजनीतिक गलियारों में इसे एक अहम संकेत के तौर पर देखा जा रहा है, जिससे यह संदेश जाता है कि 2026 के चुनाव से पहले संघ और पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के बीच समन्वय को और मजबूत किया जा रहा है।

कुल मिलाकर, अमित शाह का बंगाल दौरा कई मायनों में महत्वपूर्ण रहा। एक तरफ उन्होंने TMC-BJP ‘सेटिंग थ्योरी’ को सिरे से नकारते हुए पार्टी का आधिकारिक स्टैंड साफ किया। वहीं दूसरी ओर राज्य नेतृत्व को जमीनी स्तर पर सक्रिय होने और संगठन को मजबूत करने का स्पष्ट निर्देश दिया। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि शाह के इस संदेश का असर बंगाल भाजपा की रणनीति और राजनीतिक माहौल पर किस तरह पड़ता है।

Prev Article
'दो सौ पार' से 'दो तिहाई बहुमत' के दावे तक, ममता बोलीं- “फाटाफाटी खेला होबे”
Next Article
विधानसभा चुनाव 2026: अमित शाह ने 28 में से 20 सीटों को जीतने का टारगेट दिया

Articles you may like: