भोपाल: मध्य प्रदेश के इंदौर में दूषित पानी पीने से कई लोगों की मौत हो गई है। कई राष्ट्रीय समाचार माध्यमों के अनुसार, कम से कम तीन लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 100 से ज्यादा लोग अस्पताल में इलाज करा रहे हैं। इस घटना पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शोक जताया है। उन्होंने मृतकों के परिवारों को 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने और बीमार लोगों का मुफ्त इलाज कराने की घोषणा की है। मृतकों के नाम हैं— नंदलाल पाल (70), उर्मिला यादव (60) और तारा कोरी (65)।
स्थानीय नगर आयुक्त दिलीपकुमार यादव ने बताया कि इंदौर के भागीरथपुरा इलाके में पीने के पानी की सप्लाई करने वाली पाइपलाइन में एक छेद पाया गया है। उसी जगह पर एक शौचालय बना हुआ था। आशंका है कि इसी छेद के जरिए गंदा और दूषित पानी पाइपलाइन में मिल गया। इंदौर के मेयर पी. वर्गव ने कहा कि पीने के पानी की व्यवस्था में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। नगर निगम की ओर से स्थानीय लोगों को हर संभव मदद दी जा रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि 25 दिसंबर से पानी में अजीब बदबू आ रही थी। उन्होंने कई बार शिकायत की लेकिन नगर निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की। नंदलाल पाल के बेटे सिद्धार्थ ने बताया कि दूषित पानी पीने के बाद पिताजी की तबीयत खराब हो गई। 28 दिसंबर को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मंगलवार सुबह उनकी मौत हो गई। एक अन्य मृतक के रिश्तेदार ने कहा कि मेरी बहन को अचानक उल्टी होने लगी, फिर दस्त शुरू हो गए। हालत इतनी बिगड़ गई कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई।
इस मामले को लेकर स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि अगर नाली या शौचालय का पानी पीने के पानी में मिल जाए तो लोग बीमार हो सकते हैं, लेकिन आमतौर पर इससे मौत नहीं होती। आशंका है कि पानी में कोई जहरीला पदार्थ मिला हो। इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए।