नयी दिल्लीः बांग्लादेश के कट्टरपंथी संगठनों से संबंध के आरोप में असम की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। असम और त्रिपुरा के कई इलाकों में अभियान चलाकर ये गिरफ्तारियां की गईं। असम STF का दावा है कि गिरफ्तार लोगों के संपर्क प्रतिबंधित बांग्लादेशी आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) की एक शाखा—इमाम महमूद की काफ़िला (IMK) से थे।
गुवाहाटी STF के पुलिस आयुक्त पार्थसारथी महंता ने बताया कि केंद्रीय एजेंसियों द्वारा दी गई खुफिया जानकारी के आधार पर यह कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि इसी सूचना के आधार पर त्रिपुरा के अलावा असम के बरपेटा, चिरांग, बक्सा और दारांग जिलों में भी अभियान चलाया गया। गुवाहाटी STF प्रमुख के अनुसार, “गिरफ्तार सभी लोग बांग्लादेशी संगठनों के निर्देश पर काम कर रहे थे। उनका मुख्य उद्देश्य असम और उत्तर-पूर्व भारत में फिर से अशांति फैलाना था।”
इस विशेष अभियान में बड़ी मात्रा में आग्नेयास्त्र, गोलियां और आपत्तिजनक सामग्री भी जब्त की गई है। STF सूत्रों के अनुसार, एक व्यक्ति को त्रिपुरा से और बाकी को असम के विभिन्न इलाकों से गिरफ्तार किया गया। पार्थसारथी महंत ने कहा, “उत्तर-पूर्व भारत, विशेषकर असम में जिहादी गतिविधियों पर भारत की सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसियों की कड़ी नजर है।”
STF सूत्रों के मुताबिक, गिरफ्तार लोग विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए आपस में संपर्क में रहते थे। साथ ही असम, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में संगठन के लिए कार्यकर्ताओं की भर्ती का काम भी शुरू कर चुके थे। उनमें से कई बांग्लादेश भी गए थे। बताया गया है कि वे उक्त आतंकी संगठन के परिचित पूर्व सदस्यों से भी नए सिरे से संपर्क कर रहे थे। पुलिस और खुफिया अधिकारियों को यह भी जानकारी मिली है कि IMK के जरिए भारत में मॉड्यूल का विस्तार करने के लिए JMB, अंसारुल्ला बांग्ला टीम (ABT) और अल-कायदा से जुड़े संगठन AQIS की ओर से निर्देश दिए गए थे।
जानकारी के अनुसार, पिछले साल शेख हसीना सरकार के पतन के बाद से IMK के माध्यम से यह गतिविधियां शुरू हुईं। अब पुलिस अधिकारी यह जानना चाहते हैं कि गिरफ्तार लोग किन-किन से संपर्क कर संगठन का विस्तार कर रहे थे।
पुलिस और खुफिया सूत्रों के अनुसार, 2018 में JMB के पूर्व सदस्य जुएल मोहम्मद उर्फ इमाम महमूद हबीबुल्ला ने IMK संगठन की स्थापना की थी।