लखनऊ: सवाल-जवाब के दौरान अगर किसी को थप्पड़ मार दिया जाए, तो वह जायज़ है! बरेली के एक कैफे पार्टी में अल्पसंख्यकों पर हमले के अभियुक्त (और फिलहाल निष्कासित) बजरंग दल के नेता ऋषभ ठाकुर ने अपने बचाव में ऐसा ही दावा किया। उसने कहा कि वे हिंदुओं के लिए लड़े हैं। इसके साथ ही इंस्टाग्राम पर अभियुक्त द्वारा साझा की गई एक और रील में पुलिस को चुनौती देते हुए भी सुना गया।
उत्तर प्रदेश के बरेली के प्रेम नगर इलाके में एक नर्सिंग छात्रा ने अपने जन्मदिन पर एक छोटी कैफे पार्टी का आयोजन किया था। वहां आमंत्रित 10 दोस्तों में दो मुस्लिम युवक भी शामिल थे। आरोप है कि हिंदू युवती के जन्मदिन पर ‘लव जिहाद’ का आरोप लगाकर हंगामा करते हुए ऋषभ के नेतृत्व में बजरंग दल के लगभग 25 सदस्यों ने उन दो अल्पसंख्यक युवकों की बेरहमी से पिटाई की।
एक इंटरव्यू में नर्सिंग छात्रा ने कहा कि राइट विंग समूह की ओर से जो वीडियो पोस्ट किया गया है, उसमें घटना का सिर्फ एक हिस्सा दिखाया गया है। ‘लव जिहाद’ का आरोप लगाकर वे जो हिंदुत्ववादी नारे लगा रहे थे, वह नहीं दिखाया गया। उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस मामले में छह अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। इसके बावजूद फरार ऋषभ लगातार इंस्टाग्राम पर रील साझा कर रहा है।
हाल ही में साझा की गई एक रील में ऋषभ को यह कहते सुना गया कि झूठा प्रोपेगेंडा फैलाया जा रहा है और न तो उसने, न ही उसके साथियों ने कोई गलत काम किया। उसका दावा है कि हमने लव जिहाद के खिलाफ हिंदुओं के लिए लड़ाई लड़ी है इसलिए अगर बातचीत के दौरान किसी को थप्पड़ भी मार दिया गया हो तो उसमें कोई गलती नहीं है। घटना के बाद से मेरे पिता को भी थाने में बैठाकर रखा गया है। मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से निष्पक्ष जांच की अपील करता हूं।
घटना के तुरंत बाद साझा की गई एक और रील में देखा गया कि कोई ऋषभ को माला पहना रहा है और वह हंसते हुए फोटो के लिए पोज दे रहा है। बैकग्राउंड में आवाज सुनाई देती है कि पुलिस का दिमाग खराब हो गया है। जिन्होंने हमारे साथ बुरा किया, वे अब मिलेंगे भी नहीं। दूसरी ओर, एक अखिल भारतीय अंग्रेज़ी दैनिक को दिए इंटरव्यू में बीएससी नर्सिंग की छात्रा ने कहा कि वे जबरन पार्टी में घुसे और मेरे दोस्तों को पीटना शुरू कर दिया। उन्होंने मेरा फोन तक छीन लिया। फुटेज में साफ देखा गया कि हिंदू संगठनों के सदस्य दो मुस्लिम युवकों को गिराकर पीट रहे हैं। जब एक लड़की बीच-बचाव करने आई तो उस पर भी हमला किया गया। हालांकि शुरुआत में पुलिस ने दो अल्पसंख्यक युवकों और एक कैफे कर्मचारी से ही जुर्माना लेकर उन्हें शांति भंग के आरोप में हिरासत में लिया था। बाद में सामाजिक प्रतिक्रिया के दबाव में एफआईआर दर्ज की गई।
इस बीच 27 दिसंबर को बजरंग दल के मेट्रोपॉलिटन कन्वीनर केबलानंद गौड़ ने ऋषभ को संगठन से निष्कासित करते हुए कहा कि जो संगठन के सिद्धांतों को नहीं मानेगा, वह संगठन का सदस्य भी नहीं रहेगा।