नई दिल्ली: स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) और वोटर लिस्ट में कथित गड़बड़ियों को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर सीधा हमला बोला है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और दो अन्य चुनाव आयुक्तों के साथ करीब ढाई घंटे चली बैठक के बाद TMC सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि देश में चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने का खेल अब EVM से नहीं, बल्कि वोटर लिस्ट के जरिये किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सॉफ्टवेयर और एल्गोरिदम का इस्तेमाल कर लाखों मतदाताओं के नाम चुपचाप सूची से हटाए जा रहे हैं।
प्रेस से बातचीत में अभिषेक बनर्जी ने कहा कि अब तक विपक्ष की सबसे बड़ी चूक यही रही है कि वह EVM पर सवाल उठाता रहा, जबकि असली खेल वोटर लिस्ट में हुआ। उनका दावा है कि EVM को तकनीकी रूप से जांचा जा सकता है। हालांकि यह पता लगाना बेहद मुश्किल है कि किस सॉफ्टवेयर के जरिये 50 लाख से लेकर एक करोड़ तक मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए गए। अभिषेक ने कहा कि हाल के वर्षों में महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली और बिहार जैसे राज्यों में हुए चुनावों में विपक्ष इसी वजह से नुकसान में रहा।
अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में TMC का 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिला था। इस दौरान SIR 2025 और हियरिंग प्रक्रिया को लेकर कुल 10 सवाल रखे गए। TMC का आरोप है कि दो-एक सवालों को छोड़कर आयोग की ओर से किसी भी मुद्दे पर संतोषजनक जवाब नहीं मिला। खबर लिखे जाने तक चुनाव आयोग की ओर से इन आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई थी।
बैठक में ‘संदिग्ध मतदाताओं’ की सूची सार्वजनिक न किए जाने का मुद्दा भी जोर-शोर से उठाया गया। TMC नेताओं ने सवाल किया कि अगर लाखों नाम हटाए जा रहे हैं तो उन मतदाताओं की पहचान और विवरण सार्वजनिक क्यों नहीं किए जा रहे। इसके अलावा हियरिंग प्रक्रिया में बूथ लेवल एजेंट (BLA) को शामिल न करने पर भी आपत्ति जताई गई। अभिषेक ने सवाल उठाया कि जब वोटर एन्यूमरेशन के दौरान और मतदान के दिन सभी राजनीतिक दलों के BLA मौजूद रहते हैं, तो फिर हियरिंग के वक्त उन्हें बाहर रखने का क्या कारण है।
TMC ने यह भी जानना चाहा कि वोटर लिस्ट से हटाए गए करीब 58 लाख नामों में से कितने रोहिंग्या या बांग्लादेशी नागरिक हैं। साथ ही, यह सवाल भी उठाया गया कि इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ERO) को सूचित किए बिना मतदाताओं के नाम कैसे डिलीट किए जा रहे हैं। पूरी प्रक्रिया में किस तरह के सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल हो रहा है।
चुनाव आयोग द्वारा हियरिंग में BLA की मौजूदगी को लेकर सर्कुलर जारी करने से इनकार किए जाने पर अभिषेक बनर्जी और आक्रामक हो गए। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग जानता है कि अगर इस मुद्दे पर लिखित आदेश जारी किया गया, तो विपक्ष इसे अदालत में चुनौती देगा इसलिए इससे बचा जा रहा है।
अभिषेक बनर्जी ने यह दावा भी किया कि बैठक के दौरान माहौल तनावपूर्ण हो गया था और मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने उंगली उठाकर बात की। उन्होंने आयोग को साफ शब्दों में कहा कि उंगली दिखाकर बात न करें।बैठक में मौजूद सभी नेता जनता के वोट से चुने हुए प्रतिनिधि हैं, न कि मनोनीत। अभिषेक ने पूरी बैठक की CCTV फुटेज सार्वजनिक करने की चुनौती भी दी।
पूरे घटनाक्रम के जरिए TMC ने यह संकेत दिया है कि आने वाले चुनावों में वोटर लिस्ट और SIR प्रक्रिया बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनने वाली है। अभिषेक बनर्जी ने विपक्षी दलों से अपील की कि वे EVM के बजाय वोटर लिस्ट पर फोकस करें और इस कथित “वोट चोरी” के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाएं।