कहीं आपको सिर्फ समुद्र मिलेंगे तो कहीं बर्फ से ढंके पहाड़। लेकिन कैसा हो अगर आपको सामने हरे-भरे हरियाली से भरे पहाड़ों के साथ-साथ कदमों में समुद्र का खारा पानी भी अनुभव करने का मौका मिले। इस तरह का अनुभव आपको सिर्फ केरल में ही मिल सकेगा - जिसे भगवान का खुद का घर कहा जाता है।
प्राकृतिक सुन्दरता, हरियाली और समुद्र हर तरह की खूबसूरती से भगवान ने इस राज्य को नवाजा है। गर्मियों में अगर दक्षिण भारत जाने से कतराते हैं तो सर्दियों के मौसम में घूमने के लिए इससे अच्छी जगह और कहीं नहीं हो सकती है। अक्तूबर से लेकर मार्च के अंत तक केरल में आप बड़े आराम से घूम सकते हैं। मगर ध्यान रहे, केरल इतना बड़ा राज्य है, जिसे सिर्फ एक ट्रिप में कवर कर पाना संभव नहीं है। इसलिए केरल के कुछ हिस्सों पर ही ध्यान केंद्रित करें।
हम यहां आपको कुछ ऐसी जगहों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आप 8 से 10 दिनों की एक ट्रिप में बड़े आराम से घूम सकते हैं -
मुन्नार - केरल के पहाड़ी इलाकों में सबसे पहला नाम मुन्नार का ही आता है। यह एक ऐसी जगह है जो हर तरफ बस हरियाली से भरी हुई है। चाय और संतरे के बागान, मसालों के बगीचे और हवा में घुली कॉफी व चॉकलेट की खुशबू। यहां घूमने के लिए कई जगहें हैं, जैसे कुनडला लेक, स्पाईस गार्डन, श्रीनारायणपुरम का झरना और भी काफी कुछ।
पुवर - यह तमिलनाडु-केरल की सीमा पर मौजूद एक बैकवॉटर आइलैंड है। यहां बहुत ज्यादा पर्यटक नहीं आते हैं, इसलिए यहां से आपको प्रकृति को निहारने का पूरा मौका मिलेगा। पुवर में नेयर नदी और समुद्र का संगम है। यहां स्टिमर या नाव की मदद से मैनग्रोव में घूमा जा सकता है।
अलेप्पी - यह केरल का प्रमुख आकर्षण है। मुन्नार में अगर आपको हरियाली से भरे पहाड़ नजर आते हैं, तो अलेप्पी में आपको अरब सागर और सूर्यास्त को एंजॉय करने का मौका मिलेगा। हमारी सलाह है कि अलेप्पी में ठहरने के लिए किसी लग्जरी होटल के बजाए आप समुद्रतट पर मौजूद होम स्टे का विकल्प भी चुन सकते हैं। यहां सुविधाएं सीमित जरूर मिलेंगी लेकिन सुबह और शाम को समुद्र का शानदार नजारा आपका स्वागत करेगा। यहां आप बैक वॉटर में बोटिंग का आनंद भी उठा सकते हैं। अगर आप अलेप्पी में एक दिन के लिए रुकते हैं तो सुबह के समय श्रीकृष्ण स्वामी मंदिर में भगवान के दर्शन करना और वहां मिलने वाले विशेष पायसम भोग को ग्रहण करना न भूलें।
वरकला और कोवलम - कोवलम समुद्रतट का सूर्यास्त बड़ा ही मनोरम होता है। यहां रात के समय रुकने के लिए होटल आसानी से उपलब्ध हैं। वरकला से कोवलम की दूरी मात्र 50 किमी की है। पहाड़ पर होटल, रेस्तरां सब कुछ यहां मिलेगा और पहाड़ से ठीक नीचे नीला समुद्र अपनी बाहें फैलाए आपका इंतजार करता नजर आएगा।
थेकड्डी - वन्य जीवों और जंगल एडवेंचर के शौकीन हैं, तो थेकड्डी को अपनी आईटिनरी में जरूर शामिल करें। यहां राष्ट्रीय उद्यान कोले मौजूद है। यहां आप जंगल सफारी का आनंद ले सकते हैं। केरल के मसाले बहुत ही प्रसिद्ध हैं। केरल में थेकड्डी मसालों की शॉपिंग के लिए आदर्श जगह है। आप चाहे तो पेरियार राष्ट्रीय उद्यान जा सकते हैं। यहां जाने के लिए आपको ऑनलाइन ही टिकट खरीदना पड़ेगा।
नोट - केरल में वहां की पारंपरिक थाली का स्वाद कम से कम एक बार जरूर चखें। उत्तर भारतीय छोले-भटूरे और पनीर से वहां का स्वाद काफी अलग होगा लेकिन हमें यकीन है कि कई तरह की चटनियां, पायसम और पापडम आपका दिल जरूर चुरा लेंगी।