कश्मीर और श्रीनगर घूमने जाने वाले पर्यटक डल झील में शिकारा की सवारी जरूर करते हैं। लेकिन अब सिर्फ पर्यटक ही नहीं बल्कि स्थानीय निवासी भी श्रीनगर के डल झील और झेलम नदी में यातायात के लिए वाटर मेट्रो की सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। मिली जानकारी के अनुसार जम्मू और कश्मीर सरकार और इनलैंड वाटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IWAI) के बीच इस बाबत एक समझौता हुआ है। श्रीनगर की यातायात सेवाओं के आधुनिकिकरण की दिशा में उठाया गया यह महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
Curly Tales की मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार कोच्ची के वाटर मेट्रो से प्रेरित होकर ही जम्मू-कश्मीर में वाटर मेट्रो की सेवा को शुरू करने की योजना बनायी गयी है। श्रीनगर में अक्सर ट्रैफिक जाम जैसी परेशानियों की शिकायतें की जाती हैं। इसलिए स्थानीय सरकार चाहती है कि रोजमर्रा की आवाजाही के दौरान लोगों को न सिर्फ ट्रैफिक जाम जैसी परेशानियां कम से कम झेलनी पड़े बल्कि इसकी वजह से पर्वतीय क्षेत्रों में प्रदूषण की मात्रा भी कम से कम फैले।
कितनी रूट्स पर चलेगी वाटर मेट्रो?
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि डल झील में वाटर मेट्रो के लिए 10 टर्मिनल बनाएं जाएंगे। वहीं झेलम नदी में 8 टर्मिनल का निर्माण किया जाएगा। बताया जाता है कि डल झील में 5 रुट्स और झेलम नदी में 2 रूट्स में वाटर मेट्रो का संचालन किया जाएगा। इस बारे में क्षेत्रीय यातायात अधिकारी (कश्मीर) काजी इरफान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि लोग बड़ी आसानी से फर्स्ट-लास्ट माइल कनेक्टिविटी (आखिरी कुछ किलोमीटर तक आवाजाही के लिए वाहनों की उपलब्धता) का लाभ उठाते हुए वाटर मेट्रो सेवाओं का आनंद ले सकेंगे।
हालांकि वाटर मेट्रो सेवाएं डल झील और झेलम नदी में कब से उपलब्ध हो सकेंगी, इस बाबत अभी तक आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं मिल सकी है।