कब से बंद हो रहे हैं भगवान शिव के पंच केदार मंदिर? क्या हैं इनकी मान्यताएं?

मान्यताओं के अनुसार पंच केदार में भगवान शिव के 5 अलग-अलग अंग प्रकट हुए थे। हर एक अंग को समर्पित एक मंदिर शिवभक्तों के लिए एक तीर्थ स्थल बन गया है।

By Moumita Bhattacharya

Oct 13, 2025 18:27 IST

भगवान शिव के भक्तों के लिए उनके 12 ज्योतिर्लिंग की तरह ही महादेव के पंच केदार भी उतने ही प्रिय हैं। पंच केदार 5 मंदिरों को एक समूह है, जो महादेव को समर्पित है। ये सभी मंदिर उत्तराखंड की दुर्गम पहाड़ी इलाकों में मौजूद हैं। मान्यताओं के अनुसार पंच केदार में भगवान शिव के 5 अलग-अलग अंग प्रकट हुए थे। हर एक अंग को समर्पित एक मंदिर शिवभक्तों के लिए एक तीर्थ स्थल बन गया है। ऊंचे पर्वतीय इलाकों में स्थित होने की वजह से सर्दियों के मौसम उत्तराखंड की चार धाम यात्रा की तरह ही पंच केदार मंदिरों को भी बंद कर दिया जाता है।

पंच केदार के सभी मंदिरों के बंद होने की तारीखें सामने आ चुकी हैं। इन तारीखों के बारे में बताने से पहले हम आपको पंच केदार की मान्यताओं के विषय में बता देते हैं।

क्या हैं पंच केदार की मान्यताएं?

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार महाभारत युद्ध के बाद अपने पापों से मुक्ति के लिए जब पांडव भगवान शिव से क्षमा याचना करने पहुंचे तो पांडवों से बचने के लिए महादेव ने बैल का रूप धारण कर लिया। भीम ने उनको पहचान लिया और उनको पकड़ लिया। तब जाकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए। मान्यताओं के अनुसार महादेव के बैल रूपी शरीर का हिस्सा एक-एक जगह प्रकट हुआ था और ये सभी जगह पंच केदार कहलाएं।

कौन-कौन से हैं पंच केदार?

केदारनाथ मंदिर - यह 12 ज्योतिर्लिंगों में और चार धाम की यात्रा में भी शामिल है। केदारनाथ में भगवान शिव के बैल स्वरूप के पीठ की यानी कूबड़ की पूजा होती है। यह मंदिर उत्तराखंड की केदारघाटी में स्थित है।

तुंगनाथ मंदिर - यह दुनिया में भगवान शिव का सबसे ऊंचा मंदिर है। मान्यताओं के अनुसार इस जगह पर भगवान शिव की भुजाएं प्रकट हुई थी। यह उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में है।

रुद्रनाथ मंदिर - कहा जाता है कि यहां भगवान शिव का मुख प्रकट हुआ था। इस मंदिर में नीलकंठ महादेव की पूजा होती है। यहां भगवान शिव स्वयंभू हैं, यानी स्वयं प्रकट होने वाले। उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है रुद्रनाथ मंदिर।

मध्यमहेश्वर मंदिर - इस मंदिर में भगवान शिव का मध्य भाग यानी नाभि के दर्शन पांडवों को हुए थे। यह मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है।

कल्पेश्वर मंदिर - मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में भगवान शिव की जटाओं की पूजा होती है। यह पंच केदार का एकमात्र मंदिर है जो पूरे साल खुला रहता है।

कब से बंद हो रहे हैं पंच केदार?

केदारनाथ - 23 अक्तूबर 2025

तुंगनाथ - 6 नवंबर 2025

रुद्रनाथ - 17 अक्तूबर 2025

मध्यमहेश्वर - 18 नवंबर 2025

कल्पेश्वर - पूरे साल खुला रहता है।

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