उत्तराखंड में होने वाली चार धाम की यात्रा इस साल के अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुकी है। बस कुछ दिनों तक और चलने के बाद शीतकाल के लिए केदारनाथ धाम, बद्रीनाथ धाम, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा को बंद कर दिया जाएगा। इस साल यात्रा के दौरान यहां आने वाले यात्रियों की संख्या ने नया रिकॉर्ड बनाया है। वहीं चार धाम की यात्रा के दौरान इस साल बड़ी संख्या में तीर्थ यात्रियों ने अपनी जान भी गंवा दी है।
चलिए सबसे पहले जान लेते हैं कब से बंद होने वाला है चार धाम के पवित्र मंदिरों के कपाट?
गंगोत्री धाम
22 अक्तूबर (बुधवार) को गोवर्धन पूजा के दिन गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। सुबह 11.36 बजे धाम के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। इसके बाद मां गंगा के दर्शन मुखबा गांव में होगी।
यमुनोत्री धाम
यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज के दिन यानी 23 अक्तूबर (गुरुवार) को बंद हो जाएंगे। इस दिन दोपहर 12.30 बजे मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इसके बाद माता यमुना के दर्शन खरसाली गांव में होंगे।
केदारनाथ धाम
भैया दूज के दिन (23 अक्तूबर) को ही केदारनाथ धाम के कपाट भी बंद कर दिए जाएंगे। केदार बाबा के मंदिरों के कपाट सुबह 8.30 बजे बंद होंगे। इसके बाद बाबा केदार की चल डोली को ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ ले जाया जाएगा, जो उनकी शीतकालिन गद्दी कहलाएगी।
बद्रीनाथ धाम
25 नवंबर (मंगलवार) को बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद करने का मुहूर्त निकाला गया है। दोपहर को 2.56 बजे बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। मिली जानकारी के अनुसार कपाट बंद होने से पहले पंच पूजाएं होंगी, जिसकी शुरूआत 21 नवंबर से होगी। 26 नवंबर के बाद नृसिंह मंदिर ज्योतिर्मठ में भगवान दर्शन देंगे।
कितने यात्रियों ने किया दर्शन?
मिली जानकारी के अनुसार साल 2025 में चार धाम की यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं ने नया रिकॉर्ड बनाया है। बताया जाता है कि अब तक 49 लाख तीर्थयात्रियों ने चार धाम के दर्शन किए। बताया जाता है कि साल 2013 में केदारघाटी में आयी बाढ़ के बाद यह संख्या सबसे ज्यादा थी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस साल 16 लाख से ज्यादा श्रद्धालु केदारनाथ धाम के दर्शन करने पहुंचे। वहीं बद्रीनाथ धाम के दर्शन करने 14 लाख से ज्यादा लोग पहुंच चुके हैं।