मॉस्को: आज रूस के दक्षिण-पश्चिमी सारातोव क्षेत्र में ड्रोन हमले में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई। यूक्रेन के कई हिस्सों में ऊर्जा ढांचे को निशाना बनाकर किए गए हमलों के बाद बिजली गुल हो गई। स्थानीय अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी कि यह सब ऐसे समय में हुआ है जब युद्ध समाप्त करने को लेकर अमेरिका के नेतृत्व में शांति वार्ताएं जारी थी।
एपी की रिपोर्ट के अनुसार सारातोव क्षेत्र के गवर्नर रोमान बुसार्गिन ने बताया कि ड्रोन हमले में एक आवासीय इमारत क्षतिग्रस्त हुई जबकि एक किंडरगार्टन और क्लिनिक की कई खिड़कियां भी टूट गईं। रूस के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि रात भर में रूसी क्षेत्र के ऊपर यूक्रेन के 41 ड्रोन मार गिराए गए।
उधर यूक्रेन में रूस ने रात के दौरान पांच क्षेत्रों में ड्रोन और मिसाइल हमले किए। जिनमें ऊर्जा और बंदरगाह ढांचे को निशाना बनाया गया। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि रूस ने रात भर में यूक्रेन पर 450 से अधिक ड्रोन और 30 मिसाइलें दागीं। उन्होंने टेलीग्राम पर लिखा कि किरोवोह्राद, मायकोलाइव, ओडेसा, सुमी, खारकीव, खेरसॉन और चेर्निहिव क्षेत्रों में बीती रात हुए हमलों के बाद हजारों परिवारों के घरों में बिजली नहीं है।
काला सागर तट पर स्थित ओडेसा शहर में हुए हमले में बंदरगाह पर अनाज भंडारण साइलो में आग लग गई। यह जानकारी यूक्रेन के उप प्रधानमंत्री और पुनर्निर्माण मंत्री ओलेक्सी कुलेबा ने दी। क्षेत्रीय प्रमुख ओलेह कीपर के अनुसार व्यापक ओडेसा क्षेत्र में हुए हमलों में दो लोग घायल हुए हैं। कीव और उसके पश्चिमी सहयोगियों का कहना है कि रूस यूक्रेन के बिजली ग्रिड को पंगु बनाने और लगातार चौथे सर्दी मौसम में आम नागरिकों को गर्मी, रोशनी और पानी से वंचित करने की कोशिश कर रहा है। यूक्रेनी अधिकारी इसे ठंड को हथियार बनाने की नीति बता रहे हैं।
ताजा हमले ऐसे समय में हुए हैं जब क्रेमलिन के सलाहकार यूरी उशाकोव ने शुक्रवार को कहा कि यदि शांति समझौता हो भी जाता है तब भी रूसी पुलिस और नेशनल गार्ड पूर्वी यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र में बने रहेंगे और इस उद्योग-समृद्ध इलाके की निगरानी करेंगे। इससे यह स्पष्ट होता है कि युद्ध के बाद भी मॉस्को डोनबास में अपनी मौजूदगी बनाए रखना चाहता है। अमेरिका के नेतृत्व में चल रही वार्ताओं के बीच यूक्रेन के इस रुख को खारिज करने की संभावना है।
उशाकोव ने रूसी कारोबारी अखबार कोमर्सांत में प्रकाशित टिप्पणियों में कहा कि रूस तभी संघर्षविराम को मंजूरी देगा जब यूक्रेनी सेनाएं अग्रिम मोर्चों से पीछे हट जाएंगी। इस बीच जर्मनी सोमवार को जेलेंस्की की मेजबानी करने जा रहा है क्योंकि शांति प्रयासों में तेजी आ रही है और यूरोपीय नेता वार्ताओं की दिशा तय करने की कोशिश कर रहे हैं।
बीते कई महीनों से अमेरिकी वार्ताकार दोनों पक्षों की मांगों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस-यूक्रेन युद्ध को जल्द खत्म कराने पर जोर दे रहे हैं। हालांकि देरी से बढ़ती निराशा भी झलक रही है। संभावित समझौतों की तलाश में सबसे बड़ी बाधा यह है कि फिलहाल रूसी कब्जे वाले यूक्रेनी क्षेत्रों पर नियंत्रण किसके पास रहेगा।