सिड़नीः ऑस्ट्रेलिया के सिडनी स्थित बॉन्डी बीच पर हुई सामूहिक गोलीबारी की घटना में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक हमलावर भी शामिल है, जबकि 29 अन्य घायल हुए हैं। यह हमला उस समय हुआ जब बॉन्डी बीच पर यहूदी पर्व हनुक्का के पहले दिन के अवसर पर 1,000 से अधिक लोग एकत्रित थे। बाद में अधिकारियों ने इसे एक लक्षित आतंकवादी हमला घोषित किया।
न्यू साउथ वेल्स पुलिस के अनुसार घटना में दो संदिग्ध शामिल थे। एक हमलावर को मौके पर ही पुलिस ने मार गिराया, जबकि दूसरा गंभीर हालत में हिरासत में है। पुलिस ने बताया कि हमले से जुड़े एक वाहन से एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) भी बरामद किया गया है और यह जांच की जा रही है कि कहीं कोई तीसरा हमलावर तो शामिल नहीं था।
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ ने इसे “झकझोर देने वाला और अत्यंत दुखद” बताया। राष्ट्र के नाम संबोधन में उन्होंने कहा कि यह हमला यहूदी समुदाय को निशाना बनाकर किया गया एक “विनाशकारी आतंकी कृत्य” है। उन्होंने कहा, “हनुक्का का पहला दिन खुशी और आस्था का उत्सव होना चाहिए था, लेकिन यह दिन नफरत, यहूदी-विरोधी सोच और आतंकवाद से कलंकित कर दिया गया। हमारे देश में नफरत, हिंसा और आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं है।”
न्यू साउथ वेल्स के प्रीमियर क्रिस मिन्स ने भी कहा कि जो रात शांति और आनंद की होनी चाहिए थी, वह इस भयावह हमले से टूट गई। उन्होंने एक आम नागरिक को “सच्चा नायक” बताया, जिसने अपनी जान जोखिम में डालकर एक हमलावर से हथियार छीन लिया।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बॉन्डी बीच पर हुए “भयानक” आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत, ऑस्ट्रेलिया के लोगों के साथ इस दुख की घड़ी में खड़ा है और आतंकवाद के प्रति उसकी नीति शून्य सहनशीलता की है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति एकजुटता जताई।