ढाका: बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने रविवार को भारत के उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को बुलाकर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बयानों पर नाराज़गी जताई। बांग्लादेश का कहना है कि भारत में रह रहीं शेख हसीना ऐसे बयान दे रही हैं, जिनसे देश में हिंसा फैल सकती है और आने वाले चुनाव प्रभावित हो सकते हैं। 78 वर्षीय शेख हसीना पिछले साल अगस्त में छात्र आंदोलनों के बाद उनकी अवामी लीग सरकार गिरने पर भारत चली गई थीं। पिछले महीने बांग्लादेश की एक विशेष अदालत ने उन्हें मानवता के खिलाफ अपराधों के मामले में दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई थी। बांग्लादेश सरकार उनकी भारत से वापसी (प्रत्यर्पण) की मांग कर रही है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि शेख हसीना भारत में रहते हुए अपने समर्थकों को बांग्लादेश में हिंसा और आतंकी गतिविधियों के लिए उकसा रही हैं, जिससे फरवरी में होने वाले संसदीय चुनावों को नुकसान पहुंच सकता है। बांग्लादेश ने पूर्व गृह मंत्री असदुज्जामान खान कमाल के साथ-साथ शेख हसीना के जल्द प्रत्यर्पण की मांग दोहराई है। बांग्लादेश ने यह भी आरोप लगाया कि भारत में रह रहे अवामी लीग के कुछ अन्य नेता बांग्लादेश विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं और चुनावों को बिगाड़ने की साजिश रच रहे हैं। बांग्लादेश ने भारत से ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और उन्हें सौंपने की अपील की है। देश में 12 फरवरी को आम चुनाव होने हैं, लेकिन अवामी लीग ने चुनाव कार्यक्रम को खारिज कर दिया है और निष्पक्ष चुनाव के लिए तटस्थ कार्यवाहक सरकार की मांग की है।
यह घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है, जब 2024 के छात्र आंदोलन के नेता शरीफ उस्मान हादी को गोली मारी गई, जिनकी हालत गंभीर बनी हुई है। इसके बाद बांग्लादेश सरकार ने कानून-व्यवस्था को देखते हुए देशभर में कड़ा सुरक्षा अभियान ‘ऑपरेशन डेविल हंट 2’ शुरू किया है। बांग्लादेश ने भारत से कहा है कि हादी पर हमले के अभियुक्तों को भारत भागने से रोका जाए और यदि वे भारत पहुंच भी जाएं तो उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर बांग्लादेश को सौंपा जाए। बांग्लादेश ने उम्मीद जताई कि पड़ोसी देश होने के नाते भारत न्याय और लोकतंत्र की रक्षा में उसका साथ देगा। वहीं, भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा ने कहा कि भारत बांग्लादेश में शांतिपूर्ण चुनाव चाहता है और इस दिशा में हर संभव सहयोग के लिए तैयार है।