इस्लामाबाद: आज पाकिस्तान के चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज और थलसेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर ने शनिवार को कहा कि उनकी सेनाएं बाहरी और आंतरिक दोनों तरह के खतरों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। सेना के बयान के अनुसार मुनीर ने गुजरांवाला और सियालकोट छावनियों का दौरा किया, जहां उन्हें सैन्य टुकड़ियों की परिचालन तैयारियों और युद्ध क्षमता मजबूत करने से जुड़ी प्रमुख पहलों की जानकारी दी गई।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान सेना आंतरिक और बाहरी दोनों चुनौतियों पर पूरी तरह केंद्रित है, जिनमें शत्रुतापूर्ण हाइब्रिड अभियानों, चरमपंथी विचारधाराओं और राष्ट्रीय स्थिरता को कमजोर करने वाले विभाजनकारी तत्वों से उत्पन्न खतरे शामिल हैं। भारत ने 7 मई को पहलगाम हमले के जवाब में, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे, पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ढांचों को निशाना बनाते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था।
इन हमलों के बाद चार दिनों तक तीव्र झड़पें हुईं जो 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर बनी सहमति के साथ समाप्त हुईं। आंतरिक चुनौती के रूप में पाकिस्तान सरकार ने पिछले वर्ष प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को “फितना अल-खवारिज” घोषित किया था जो इस्लामी इतिहास के एक ऐसे समूह का संदर्भ है जो हिंसा में शामिल था।
अधिकारियों और जवानों से बातचीत के दौरान मुनीर ने उनके उच्च मनोबल और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता की सराहना की तथा कठोर और मिशन-उन्मुख प्रशिक्षण के महत्व पर बल दिया। उन्होंने एक फील्ड ट्रेनिंग अभ्यास और उन्नत सिम्युलेटर प्रशिक्षण सुविधा का भी निरीक्षण किया तथा सैन्य टुकड़ियों के उच्च पेशेवर मानकों और समग्र तैयारियों की प्रशंसा की। तकनीकी अनुकूलन के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि आधुनिक युद्ध में फुर्ती, सटीकता, परिस्थितिजन्य जागरूकता और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता की आवश्यकता होती है।