कोलंबो: श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त संतोष झा ने शुक्रवार को चक्रवात ‘दित्वाह’ से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और स्थानीय अधिकारियों से बचाव, राहत और पुनर्वास कार्यों की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने मालवत्ते और असगिरिया संप्रदायों के महानायक थेरो को श्रद्धांजलि भी अर्पित की और उन्हें ऑपरेशन सागर बंधु के तहत श्रीलंका को भारत की सहायता के बारे में अवगत कराया।
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय उच्चायोग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक के बाद एक पोस्ट में बताया कि ऑपरेशन सागर बंधु मानवीय संवेदना का प्रतीक है जिसके तहत भारत राहत से आगे बढ़कर पुनर्वास और पुनर्निर्माण के प्रयासों में जुटा है। 12 दिसंबर को सेंट्रल प्रांत के दौरे के दौरान उच्चायुक्त संतोष झा ने नेलुम्माला गांव, उदत्तावा का दौरा किया जो चक्रवात दित्वाह से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक है। यहां इस आपदा में 31 लोगों की दुखद मृत्यु हुई थी। उच्चायुक्त ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और स्थानीय प्रशासन से क्षेत्र में चल रहे बचाव, राहत और पुनर्वास कार्यों की जानकारी ली।
उन्होंने मालवत्ते और असगिरिया संप्रदायों के महानायक थेरो से मुलाकात कर ऑपरेशन सागर बंधु के तहत भारत द्वारा दी जा रही सहायता की जानकारी दी और द्वीप राष्ट्र में पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण के अगले चरणों के लिए उनका आशीर्वाद भी मांगा। इससे पहले भारतीय उच्चायोग ने जानकारी दी थी कि कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल ने चक्रवात दित्वाह से हुई तबाही के बाद श्रीलंका के पुनर्निर्माण के लिए 10 करोड़ श्रीलंकाई रुपये का योगदान दिया है।
चक्रवात के बाद भारत श्रीलंका में मानवीय सहायता और बचाव कार्यों को लेकर व्यापक सहयोग जारी रखे हुए है। शुक्रवार को श्रीलंकाई सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बीकेजीएम लसांथा रोड्रिगो ने चिलाव ब्रिज साइट का दौरा किया और कठिन मौसम में भारतीय सेना के इंजीनियरों तथा श्रीलंकाई सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की। भारतीय सेना का इंजीनियर टास्क फोर्स श्रीलंकाई सेना के इंजीनियरों के साथ मिलकर जाफना के किलिनोच्ची पुल की शीघ्र मरम्मत और यातायात बहाली के लिए काम कर रहा है। भारतीय सेना के 48 सदस्यीय इंजीनियर टास्क फोर्स को युद्धस्तर पर एयरलिफ्ट कर श्रीलंका भेजा गया है जिसका मुख्य उद्देश्य सड़कों और पुलों सहित संचार के महत्वपूर्ण साधनों को बहाल करना है।
इस टास्क फोर्स के पास ब्रिजिंग विशेषज्ञ, सर्वेयर, जल संचालन विशेषज्ञ, भारी मशीनरी, ड्रोन और मानवरहित प्रणालियों का संचालन करने में दक्ष कर्मी शामिल हैं। भारतीय वायुसेना के सी-17 विमानों से चार सेट बेली ब्रिज भेजे गए हैं, ताकि टूटी हुई कनेक्टिविटी को बहाल किया जा सके। इसके अलावा टास्क फोर्स के पास न्यूमैटिक बोट, आउटबोर्ड मोटर, हेस्को बैग और नई पीढ़ी के उपकरण भी मौजूद हैं। ऑपरेशन सागर बंधु के तहत भारतीय सेना ने चक्रवात से प्रभावित श्रीलंकाई नागरिकों को व्यापक चिकित्सा सहायता भी प्रदान की है, जिससे 5,000 से अधिक मरीजों को लाभ मिला है।
इस बीच विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने शुक्रवार को श्रीलंका की उच्चायुक्त महिषिनी कोलोन्ने से मुलाकात की और जीवनरक्षक दवाओं की एक खेप सौंपी। उन्होंने चक्रवात दित्वाह के बाद श्रीलंका के पुनर्निर्माण और पुनर्वास में भारत के निरंतर सहयोग की प्रतिबद्धता दोहराई। भारत की पड़ोसी प्रथम नीति के तहत ऑपरेशन सागर बंधु की शुरुआत श्रीलंका में चक्रवात दित्वाह से प्रभावित लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए की गई थी।