प्री-स्कूल से पीएचडी तक भारत–ऑस्ट्रेलिया शिक्षा साझेदारी ; शीर्ष ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालय भारत में खोलेगी कैंपस

By रजनीश प्रसाद

Dec 08, 2025 16:33 IST

नई दिल्ली: शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष जेसन क्लेयर और जूलियन हिल के साथ बैठक की, जिसमें भारत और ऑस्ट्रेलिया ने शिक्षा, कौशल और अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर व्यापक चर्चा की।

बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया कि क्लेयर और हिल से मिलना बहुत सुखद रहा। उन्होंने बताया कि बातचीत में प्री-स्कूल से लेकर पीएचडी तक पूरे सहयोग ढांचे पर चर्चा हुई, जिसमें दोनों देशों का फोकस छात्रों में क्रिटिकल थिंकिंग विकसित करने और उन्हें एआई-संचालित भविष्य के लिए तैयार करने पर था।

प्रधान ने कहा कि दोनों देश उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच सहयोग, संयुक्त शोध कार्यक्रमों और छात्रों व शिक्षाविदों की द्विपक्षीय गतिशीलता को आसान बनाने के माध्यम से भारत–ऑस्ट्रेलिया शिक्षा साझेदारी में नई गति जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

उन्होंने एक्स पर लिखा कि दोनों देशों के उच्च शिक्षा संस्थान के बीच सहयोग, रणनीतिक क्षेत्रों में संयुक्त शोध फंडिंग और द्विपक्षीय गतिशीलता को सरल बनाने को प्रतिबब्ध हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि वह ऑस्ट्रेलिया–भारत की तीसरी, शिक्षा और कौशल परिषद की बैठक में आगे होने वाले विचार-विमर्श के लिए उत्सुक हैं, जो भारत की शिक्षा प्रणाली के रूपांतरण और दोनों देशों के उज्ज्वल भविष्य को आकार देने में अहम भूमिका निभाएगी।

बैठक के दौरान प्रधान और क्लेयर ने यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स को एक लेटर आँफ ईनटेट सौंपा, जिससे पुष्टि होती है कि यह शीर्ष रैंक वाला ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालय भारत में अपना कैंपस स्थापित करेगा। प्रधान ने एक्स पर लिखा कि यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स क्यु एस वल्ड् यूनिवर्सिटी रैंकिग में वैश्विक शीर्ष-20 विश्वविद्यालयों में शामिल है।

उन्होंने विश्वविद्यालय को बधाई देते हुए कहा कि भारत में उनका स्वागत है और यह कदम भारत के शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र को बदलने की दिशा में महत्वपूर्ण है। यह चर्चा है कि ऑस्ट्रेलिया–भारत की तीसरी शिक्षा और कौशल परिषद की बैठक के दौरान हुई। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार इसमें दोनों देशों के मंत्रियों और अधिकारियों ने चल रही परियोजनाओं की समीक्षा की और उच्च शिक्षा, कौशल विकास और अनुसंधान में नए सहयोग क्षेत्रों का पता लगाया।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और कौशल विकास मंत्री जयंत चौधरी कर रहे थे। वहीं ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल में शिक्षा मंत्री जेसन क्लेयर, इमिग्रेशन और सिटिजनशिप मंत्री एंड्रयू गाइल्स और असिस्टेंट मिनिस्टर जूलियन हिल शामिल थे।

Prev Article
भारत में 72,000 से अधिक विदेशी छात्र, QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में रिकॉर्ड बढ़त

Articles you may like: