प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग सेंटरों की बढ़ती संख्या और उससे जुड़े सामाजिक व मानसिक प्रभावों को लेकर जारी चिंताओं के बीच संसद की शिक्षा, महिला, बाल, युवा और खेल से संबंधित स्थायी समिति ने इस मसले की व्यापक जांच करने का निर्णय लिया है। कोटा जैसे शहरों में छात्रों द्वारा आत्महत्या के बढ़ते मामलों ने इस विषय को और गंभीर बना दिया है।
लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी बुलेटिन के मुताबिक, समिति कोचिंग सेंटरों के विस्तार, छात्रों पर पड़ रहे मानसिक दबाव, और इस संबंध में मौजूद कानूनों की उपयोगिता की समीक्षा करेगी। समिति वर्ष 2025-26 के दौरान PM Schools for Rising India (PM-SHRI) योजना की प्रगति का भी मूल्यांकन करेगी।
मानसिक स्वास्थ्य को लेकर सरकार के प्रयासों की होगी जांच
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, समिति यह भी देखेगी कि उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए सरकार ने अब तक कौन-कौन से कदम उठाए हैं। हाल के वर्षों में परीक्षा तनाव और प्रतिस्पर्धी वातावरण के कारण छात्रों के बीच बढ़ती आत्महत्याओं ने देशभर में चिंता बढ़ाई है।
AI का प्रभाव और 'डमी स्कूल' मॉडल पर विशेष ध्यान
शिक्षा मंत्रालय द्वारा पहले गठित नौ-सदस्यीय समिति पहले ही कोचिंग उद्योग, डमी स्कूलों और प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की निष्पक्षता की जांच कर रही है। संसद की स्थायी समिति इसका भी आंकलन करेगी कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) शिक्षा प्रणाली को किस तरह बदल रहा है और उसका छात्रों व शिक्षकों पर क्या प्रभाव पड़ रहा है।
HECI के गठन, NCERT के प्रदर्शन और अल्पसंख्यक शिक्षा पर भी निगाह
समिति NCERT के कार्यों और प्रदर्शन की गहन समीक्षा करेगी। इसके साथ ही यह भी देखा जाएगा कि भाषाई और धार्मिक अल्पसंख्यकों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने किन उपायों को अपनाया है।
शिक्षा मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित Higher Education Council of India (HECI) पर भी समिति विस्तृत रिपोर्ट मांगेगी। यह नया ढांचा UGC, AICTE और NCTE जैसे मौजूदा निकायों को एकीकृत कर उच्च शिक्षा को अधिक प्रभावी बनाने का प्रयास है।
सरकार आगामी शीतकालीन सत्र में HECI से संबंधित विधेयक पेश करने की तैयारी में है, जिससे उच्च शिक्षा के नियामक ढांचे में बड़ा बदलाव संभव है। आरक्षण, स्कूल बंदी नीतियों और लाइब्रेरी एक्सेस पर भी चर्चा होगी।
समिति के एजेंडे में शामिल प्रमुख विषयः
केंद्रीय विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में SC, ST, OBC और EWS समुदायों के लिए आरक्षण का प्रभावी क्रियान्वयन।
स्कूलों और वयस्कों के लिए लाइब्रेरी उपयोग को बढ़ावा देने की नीतियां।
इन्दोलॉजी (भारतीय ज्ञान परंपरा) के अध्ययन का वर्तमान शिक्षा प्रणाली पर प्रभाव।
देशभर में स्कूल बंद करने से संबंधित नीतियों की समीक्षा।