महालया की सुबह ही है गोल्फ ग्रीन की दुर्गा पूजा का थीम

पूजा के दिन, दर्शकों को इस पूजा पंडाल में महालया की सुबह की तस्वीरें देखने को मिलेंगी। आज सुबह, उत्सव की आगमनी के रूप में, रेडियो पर बीरेंद्र कृष्ण भद्र द्वारा किया गया चंडी पाठ बंगाल के हर निवासी को बहुत प्रिय हैं।

By Debashish Das, Posted By : Moumita Bhattacharya

Sep 22, 2025 12:06 IST

एई समय: गोल्फ ग्रीन सार्वजनिक शरदोत्सव समिति (फेज 2) ने इस बार दुर्गा पूजा पंडाल सज्जा का थीम महालया की सुबह का वातावरण बनाया है। पूजा के दिन, दर्शकों को इस पूजा पंडाल में महालया की सुबह की तस्वीरें देखने को मिलेंगी। आज सुबह, उत्सव की आगमनी के रूप में, रेडियो पर बीरेंद्र कृष्ण भद्र द्वारा किया गया चंडी पाठ बंगाल के हर निवासी को बहुत प्रिय हैं।

भजनों और आगमनी गीतों की लय में महालया की सुबह का वातावरण कैसे बदलता है—यह दृश्य और अनुभूति गोल्फ ग्रीन की पूजा में प्रतिबिम्बित होगी। आयोजकों का कहना है कि पंडाल में महालया की सुबह को चित्रों, रोशनी और गीतों के साथ दर्शाया जाएगा। पंडाल का निर्माण करने वाले कलाकार सुशोभन रॉय का कहना है कि बंगाल के निवासियों को साल में सिर्फ एक बार रेडियो पर महिषासुर मर्दिनी सुनने का मौका मिलता है। ऐसी सुबह का एक अलग ही एहसास होता है।

इसके लिए उत्सुकता भी होती है। सब कुछ हमारी मिलकर योजना है।' पूजा का विषय 'भोर' है। आयोजकों में से एक और कोलकाता नगर पालिका के वार्ड नंबर 95 के पार्षद तपन दासगुप्ता का कहना है कि साल के अलग-अलग समय में बंगालियों की बातचीत में महिषासुर मर्दिनी का विषय आता है। बंगालियों के दिलों में साल भर इस कार्यक्रम को लेकर एक ख़ास भावना रहती है। हमने इसी को ध्यान में रखते हुए यह विषय चुना है।'

टॉलीगंज की बंशद्रोणी एकता ने इस साल भी पूजा का विषय 'आओ माँ' रखा है। यह पूजा मास्टरदा मेट्रो स्टेशन से सटे इलाके में होती है। कलाकार कृष्णप्रिय दासगुप्ता यहां पंडाल की प्रभारी हैं। उन्होंने बताया, 'बंगाल में लोग अपनी बेटी के घर लौटने की उम्मीद में साल भर इंतज़ार करते हैं। बंगाल का हर निवासी दिल से 'आओ माँ' कहते हैं।

बेटी या माँ मिट्टी के रूप में आती है। मिट्टी की मूर्ति बंगाल की बेटी बन जाती है। समय आने पर वह चली जाती है। इस निरंतर आने-जाने को पंडाल में लोहे, लकड़ी, टिन और अन्य सामग्रियों का उपयोग करके चित्रित किया जा रहा है।' आयोजकों की ओर से प्रबीर पाल ने कहा, 'हमने विषय को चित्रित करने का प्रयास किया है। सफलता आगंतुकों के प्रेम पर निर्भर करेगी।'


Prev Article
देवीपक्ष की शुरुआत में ही सूर्यग्रहण, देश-दुनिया पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
Next Article
बिहार और छठ पूजा की झलक दिखा रहा है टाला बारोआरी का दुर्गा पूजा पंडाल

Articles you may like: