हुगली में करें भगवान जगन्नाथ के दर्शन, पंडाल में स्थापित होगी पत्थर से बनी मां दुर्गा की मूर्ति

हुगली में प्रभु जगन्नाथ के दर्शन कर सकेंगे। सिर्फ इतना ही नहीं भगवान जगन्नाथ को अर्पित किया जाने वाला खाजा भी यहां उपलब्ध होंगे। आप जरूर सोच रहे होंगे कि हम भला दुर्गा पूजा में प्रभु जगन्नाथ के दर्शन की बातें क्यों कर रहे हैं!

By Moumita Bhattacharya

Sep 24, 2025 17:39 IST

भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने के लिए न तो ओडिशा के पुरी में जाना होगा और न ही पश्चिम बंगाल के दीघा का रुख करना होगा। इस साल की दुर्गा पूजा (Durga Puja 2025) में हुगली में प्रभु जगन्नाथ के दर्शन कर सकेंगे। सिर्फ इतना ही नहीं भगवान जगन्नाथ को अर्पित किया जाने वाला खाजा भी यहां उपलब्ध होंगे। आप जरूर सोच रहे होंगे कि हम भला दुर्गा पूजा में प्रभु जगन्नाथ के दर्शन की बातें क्यों कर रहे हैं! रुकिए जनाब, इसका जवाब भी आपको आगे बताते हैं।

जगन्नाथ धाम में मां दुर्गा की पूजा

दरअसल, हुगली के विवेकानंद रोड कारबला मोड़ सार्वजनिक दुर्गा पूजा में इस साल पंडाल को जगन्नाथ धाम के तर्ज पर बनाया जा रहा है। इस जगन्नाथ मंदिर में प्रवेश करने पर मां दुर्गा के दर्शन तो होंगे ही, साथ ही यहां प्रभु जगन्नाथ, बलराम और देवी सुभद्रा के भी दर्शन होंगे। खास बात है कि यहां नीम की लकड़ी से ही इन तीनों प्रतिमाओं का निर्माण किया गया है।

इस साल दुर्गा पूजा कमेटी 69वें वर्ष में प्रवेश कर रही है। पूजा कमेटी की ओर से बताया गया है कि इस साल जगन्नाथ मंदिर के तर्ज पर बन रहे पूजा पंडाल को बनाने का खर्च करीब 35 लाख रुपए आया है। पूजा पंडाल के सामने खाजा की दुकान लगायी जाएगी, जिसमें उनका भोग पकाने के लिए पुरी से कारीगरों को बुलाया गया है।

पत्थर से बनायी गयी हैं मां दुर्गा की प्रतिमा

सिर्फ जगन्नाथ धाम ही नहीं बल्कि यहां मां दुर्गा की प्रतिमा भी आकर्षण का केंद्र बनने वाली है। यहां पूजा पंडाल में मां दुर्गा की 9 मूर्तियां विराजमान होंगी यानी यहां नवदुर्गा की स्थापना की जाएगी। मां दुर्गा की जिस प्रतिमा की पूजा की जाएगी, उसका निर्माण पत्थर से किया गया है। इस मूर्ति को ओडिशा से लाया गया है।

इस पूजा पंडाल के निर्माण में लगे कलाकार सौरभ दत्ता का कहना है कि मुझे लगता है कि भगवान सिर्फ मंदिरों में ही शोभते हैं। इस वजह से ही हमने इस पंडाल का निर्माण मंदिर के तर्ज पर ही किया है। हालांकि जगन्नाथ धाम जितना विशाल पंडाल तो नहीं बनाया जा सकता है लेकिन हमने उसी तर्ज पर पूजा पंडाल को बनाने की कोशिश की है। हमने पंडाल के अंदर को भी अच्छी तरह सजाया है।

सौरभ का कहना है कि मैं पिछले 4 सालों से यहां पूजा पंडाल का निर्माण करता आ रहा हूं, लेकिन मुझे लगता है कि इस साल सबसे अच्छा पंडाल बनाया गया है। उनका दावा है कि हमने इस साल जैसा पंडाल बनाया है, वैसा पहले कभी किसी ने नहीं बनाया था।

पूजा कमेटी के सदस्य ने कहा

दुर्गा पूजा कमेटी के सदस्य इंद्रजीत दत्त ने बताया कि मां दुर्गा की मूर्ति का निर्माण एक ही पत्थर से किया गया है। वहीं भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा की मूर्तियों को बनाने के लिए 3 महीने का समय लगा है। यहां प्रत्येक दिन भगवान जगन्नाथ के भोग की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही जगन्नाथ मंदिर के तर्ज पर हर दिन शाम को 4 बजे ध्वजा बदली जाएगी। उन्होंने बताया कि पूजा पंडाल के निर्माण में 6 महीने का समय लगा है। बताया जाता है कि इस पूजा पंडाल का उद्घाटन चतुर्थी के दिन होगा लेकिन दर्शनार्थियों के लिए इसे पंचमी के दिन से खोल दिया जाएगा।

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