चंदननगर में प्रभु जगन्नाथ के रुप में ही होने वाली है मां दुर्गा की आराधना, जानिए कहां?

इस साल दुर्गा पूजा पंडाल में स्थापित नजर आएंगे प्रभु जगन्नाथ। इतना ही नहीं, उनके साथ बड़े भाई बलराम और बहन देवी सुभद्रा भी नजर आएंगी। पर कहां?

By Rinika Roy Chowdhury, Posted By : Moumita Bhattacharya

Sep 27, 2025 18:15 IST

एई समय : हर साल पारंपरिक रूप से चंदननगर के इस दुर्गा पूजा पंडाल में मां दुर्गा की पूजा की जाती है, लेकिन इस साल यहां की दुर्गा पूजा थोड़ी अलग होने वाली है। इस साल दुर्गा पूजा पंडाल में स्थापित नजर आएंगे प्रभु जगन्नाथ। इतना ही नहीं, उनके साथ बड़े भाई बलराम और बहन देवी सुभद्रा भी नजर आएंगी। पर कहां होने वाली है इतनी अनोखी पूजा और क्यों प्रतिमाओं को पारंपरिक रूप से न सजाकर इस साल जगन्नाथ देव के रुप में सजाया जा रहा है?

मिली जानकारी के अनुसार हुगली के चंदननगर में गोस्वामीघाट दुर्गा पूजा कमेटी के पूजा पंडाल में इस साल मां दुर्गा की जो प्रतिमा स्थापित की गयी है, उसमें प्रभु जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा की झलक देखने को मिलेगी। इस दुर्गा पूजा पंडाल का वर्चुअल माध्यम से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उद्घाटन भी कर दिया है।

इस साल यहां की दुर्गा पूजा ने 49वें वर्ष में प्रवेश किया है। इस साल यहां मां दुर्गा को 'महाशक्ति जगन्नाथ रुपिणी' तौर पर पूजा जा रहा है। यहां मां दुर्गा का चेहरा जगन्नाथ देव की तरह बनाया गया है। सिर्फ मां दुर्गा ही नहीं, कार्तिक, गणेश, देवी लक्ष्मी और मां सरस्वती की प्रतिमाओं में भी बलराम और सुभद्रा की झलक देखने को मिलेगी। मां दुर्गा के ठीक पीछे जो चालचित्र होता है, उसे मंदिर के तर्ज पर बनाया गया है।

पूजा पंडाल में भगवान कार्तिक और गणेश को कृष्ण वर्ण का और मां सरस्वती को श्वेत वर्ण का बनाया गया है। मां दुर्गा व देवी लक्ष्मी को पीले रंग का बनाया गया है। पूजा आयोजकों में शामिल अनिमेष बंद्योपाध्याय ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आम जनता की सुविधा के लिए दीघा में भगवान जगन्नाथ का मंदिर स्थापित किया है।

उनकी इस सोच को ही और आगे बढ़ाने के लिए इस साल हमने नए अंदाज में मां दुर्गा की प्रतिमा का निर्माण किया है। हमने प्रयास किया है कि इस साल आम लोगों को थोड़ी अलग प्रकार की मां दुर्गा की प्रतिमा का दर्शन करवाया जाए। अनिमेष बंद्योपाध्याय ने बताया कि इस साल उनकी दुर्गा पूजा का बजट लगभग 20 लाख रुपए है। दुर्गा पूजा के दिनों में अलग-अलग प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा।

Prev Article
गृहिणी की मौत के बाद बंद हो गया कुमारी पूजन, मां से अनुमति लेकर 18 किलो चांदी के गहनों से सजाकर होती है पूजा
Next Article
बिहार और छठ पूजा की झलक दिखा रहा है टाला बारोआरी का दुर्गा पूजा पंडाल

Articles you may like: