आगामी 21 सितंबर 2025 रविवार को सर्वपितृ अमावस्या या महालया है। महालया के साथ ही पितृपक्ष का अंत होकर देवीपक्ष की शुरुआत होती है। उसी दिन इस साल का आखिरी सूर्यग्रहण होगा। इसके बाद 2025 में कोई और ग्रहण नहीं है। ज्योतिष के अनुसार सूर्यग्रहण केवल एक ब्रह्मांडीय घटना घटना नहीं है। इसका प्रभाव राजनीति, सत्ता के केंद्र और कई अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर पड़ता है। पिछले 7 सितंबर को चंद्रग्रहण के बाद जिस तरह नेपाल और फ्रांस में अशांति बढ़ी है, उससे सूर्यग्रहण के बाद और क्या होगा, इसको लेकर आशंका पैदा हो गई है।
आगामी 21 सितंबर को कन्या राशि और उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में सूर्यग्रहण होगा। ग्रहण भारतीय समय रात 10:59 बजे लगेगा और रात 3:23 बजे समाप्त होगा। ग्रहण अधिकतम स्तर पर रात 11:11 बजे पहुंचेगा। यह आंशिक सूर्यग्रहण भारत से दिखाई नहीं देगा। दक्षिणी गोलार्ध, जैसे ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर और अटलांटिक महासागरीय क्षेत्र से ग्रहण दिखाई देगा।
साल के आखिरी सूर्यग्रहण के समय चंद्रमा और सूर्य, दोनों कन्या राशि और उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में होंगे। प्रशासन और आम जनता पर चंद्रमा और सूर्य की इस स्थिति का गहरा प्रभाव पड़ेगा। इस समय बुध भी कन्या राशि में होगा। इसके प्रभाव से न्याय व्यवस्था और किसी महत्वपूर्ण मामले का फैसला चर्चा में आ सकता है। तुला राशि में मंगल की स्थिति अशांति बढ़ा सकती है। इस समय मिथुन राशि में बृहस्पति गोचर करेगा। इसके प्रभाव से शिक्षा, प्रौद्योगिकी और मीडिया में अस्थिरता देखी जा सकती है। सिंह राशि में शुक्र की स्थिति के कारण राजनयिक संबंधों में बदलाव आ सकता है। इसके प्रभाव से मीन राशि में शनि के प्रभाव से अंतरराष्ट्रीय संकट पैदा हो सकता है। मेष राशि में राहु और तुला राशि में केतु की स्थिति के प्रभाव से विद्रोह और युद्ध की स्थिति बन सकती है।
जापान और थाईलैंड में सूर्यग्रहण के प्रभाव से नेतृत्व परिवर्तन जैसी घटनाएं हो सकती हैं। भारत में कोई बड़ा विद्रोह या आंदोलन न होने पर भी राजनीति और अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ेगा। फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन में पहले से ही कई मुद्दों पर आंदोलन, प्रदर्शन चल रहे हैं। सूर्यग्रहण के प्रभाव से इन आंदोलनों की तीव्रता और बढ़ेगी, जिसके प्रभाव से सत्ता में बड़ा कोई बदलाव हो सकता है।
सत्ता के लिए संघर्ष और हिंसा की घटनाएं अमेरिका में भी बढ़ेंगी। नेताओं की सुरक्षा और चुनावी राजनीति अस्थिर हो सकती है।
मेष: करियर में दबाव बढ़ेगा, स्वास्थ्य खराब होगा
वृष: आर्थिक स्थिति कमजोर होगी
मिथुन: घरेलू अशांति देखने को मिलेगी
कर्क: मानसिक अशांति और भय रहेगा
सिंह: रिश्तों में कड़वाहट बढ़ेगी
कन्या: नौकरी और व्यवसाय में सुरक्षा की कमी
तुला: खर्च और अशांति बढ़ेगी
वृश्चिक: अचानक आर्थिक लाभ और नुकसान हो सकता है
धनु: करियर और विदेशी व्यापार में बाधा
मकर: परिवार के सदस्यों के बीच मतभेद
कुंभ: दोस्तों के साथ झगड़े होंगे
मीन: मानसिक अवसाद और सरकारी कामों में बाधा
सूर्यग्रहण के अशुभ प्रभाव से मुक्ति पाने के लिए ग्रहण के समय 'ओम सूर्याय नमः' यह सूर्य मंत्र जपें। ग्रहण के बाद स्नान करके गरीबों को दान करें। ग्रहण के दौरान खाने-पीने से बचें। ग्रहण के बाद तुलसी का पत्ता और थोड़ा गंगाजल पी लें