दमदम पार्क तरुण दल की पूजा केवल देखने के लिए ही नहीं बल्कि सोच-विचारने की खुराक है

तरुण दल का यह थीम न केवल आंखों के लिए, बल्कि सोच-विचार करने का भी विषय दे रहा है। इस बार, पूजा पंडाल में उपस्थित जनसमूह पर एक गहरा संदेश अपना प्रभाव छोड़ेगा।

By Posted By : Moumita Bhattacharya

Sep 22, 2025 14:34 IST

एई समय : इस बार भी दमदम पार्क तरुण दल दर्शकों की भीड़ खींचने के मामले में दूसरों से आगे निकलने को तैयार है। आदिम गुफा चित्रों से लेकर आधार कार्ड के बायोमेट्रिक्स तक - इतिहास के पन्नों में, तकनीक के पर्दे पर, इंसान की अभिव्यक्ति की छाप है। यही 'छाप' इस साल दमदम पार्क तरुण दल की पूजा की थीम है।

दमदम पार्क में 48 साल पुरानी यह पूजा अतीत का गहरा प्रतिबिंब है। कलाकार पूर्णेंदु दे और उनकी टीम इस मंडप को प्रिंटों की एक महाकाव्य कथा के रूप में गढ़ रहे हैं। दीवारों पर अंकित प्राचीन गुफावासियों के हाथों के निशानों से लेकर आधुनिक बायोमेट्रिक्स तक, यहां हर चीज के लिए जगह है।

पूजा समिति के महासचिव विश्वजीत प्रसाद का कहना है कि एक प्रिंट सिर्फ एक फिंगरप्रिंट नहीं होता, उसमें समाज की छाप और इतिहास की छाप भी होती है। जिस तरह दुल्हन के पैरों के निशान एक सांस्कृतिक धरोहर होती है, उसी तरह आधार कार्ड पर फिंगरप्रिंट तकनीक की पहचान है।

ईंट, लकड़ी, रेत—सभी तत्व हाथ से गढ़े गए हैं। यह मंडप मानव अस्तित्व का प्रमाण बन गया है। इसके शीर्ष पर, देवी दुर्गा एक विशाल 'मुहर' के भीतर विराजमान हैं। यह 'माँ' एक शाश्वत प्रभाव की तरह हैं, जो सदियों से समाज, संस्कृति और साहस पर अपनी छाप छोड़ती आ रही हैं।

तरुण दल का यह थीम न केवल आंखों के लिए, बल्कि सोच-विचार करने का भी विषय दे रहा है। इस बार, पूजा पंडाल में उपस्थित जनसमूह पर एक गहरा संदेश अपना प्रभाव छोड़ेगा - लोग अपनी छाप से जीते हैं, और माँ दुर्गा - वह खुद सबसे ही बड़ी छाप हैं।

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