नई दिल्लीः भारत और अमेरिका 10 दिसंबर से नई दिल्ली में व्यापार वार्ता शुरू करेंगे। इन वार्ताओं का उद्देश्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर चल रही बातचीत को आगे बढ़ाना है। 28 नवंबर को भारत की ओर से इस समझौते के मुख्य वार्ताकार वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा था कि भारत को उम्मीद है कि वर्तमान कैलेंडर वर्ष के भीतर भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले हिस्से पर हस्ताक्षर हो जाएंगे।
FICCI की वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने संकेत दिया था कि वैश्विक व्यापार स्थितियों में हाल के बदलावों के बावजूद वार्ताएं काफी आगे बढ़ चुकी हैं। अब तक हुई बातचीत का उल्लेख करते हुए सचिव ने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि हम इस कैलेंडर वर्ष के भीतर समाधान ढूंढ लेंगे। शुरुआत में भारत और अमेरिका 2025 तक भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण को पूरा करने का लक्ष्य रख रहे थे, लेकिन अमेरिकी व्यापार नीति में नए बदलाव विशेषकर टैरिफआने से समय-सीमा प्रभावित हुई।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 1 अगस्त से भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया था और कुछ दिनों बाद यह शुल्क 25 प्रतिशत और बढ़ा दिया था। उन्होंने यह कदम भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद जारी रखने का हवाला देते हुए उठाया था। अमेरिका कई ऐसे देशों पर भी पारस्परिक शुल्क लगा चुका है, जिनके साथ उसका व्यापार घाटा है। भारत और अमेरिका के बीच BTA को अंतिम रूप देने के लिए कई दौर की बातचीत हो चुकी है। इस समाझौते को दोनों देशों के नेतृत्व के निर्देशों के बाद फरवरी में औपचारिक रूप से प्रस्तावित किया गया था। यह मौजूदा 191 अरब अमेरिकी डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाकर 2030 तक 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखता है। इन वार्ताओं की पहली घोषणा इस वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाशिंगटन यात्रा के दौरान हुई थी।
भारत अपने व्यापार भागीदारों के साथ अब तक 14 मुक्त व्यापार समझौते (FTA) और 6 प्राथमिकता व्यापार समझौते (PTA) पर हस्ताक्षर कर चुका है, जो भारत के निर्यात को बढ़ाने में मदद कर रहे हैं। भारत कई देशों के साथ नए FTA पर बातचीत कर रहा है और यूरोपीय संघ (EU) के साथ भी चर्चा चल रही है। कल नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई बातचीत में दोनों नेताओं ने भारत और यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के बीच वस्तुओं पर मुक्त व्यापार समझौते को लेकर चल रहे कार्य की प्रगति की सराहना की। दोनों नेताओं ने निवेशों को बढ़ावा देने और संरक्षण के लिए परस्पर लाभकारी समझौते की दिशा में वार्ताओं को तेज करने का निर्देश भी दिया।
HT लीडरशिप समिट 2025 में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत प्रमुख वैश्विक देशों के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को स्वतंत्र रूप से संचालित करता है। दुनिया में सभी बड़े देशों के साथ भारत के संबंध हैं। ऐसे में किसी भी देश का यह अपेक्षा करना कि वह बताए कि हम दूसरों से कैसे संबंध रखें-यह उचित नहीं है क्योंकि वही अपेक्षा दूसरा देश भी कर सकता है। जयशंकर ने भारत की स्वतंत्र विकल्प की नीति को दोहराया और कहा कि भारत की रणनीतिक स्वायत्तता की नीति आगे भी जारी रहेगी।