नई दिल्ली। लोकसभा ने शुक्रवार को पान मसाला बनाने वाली यूनिट्स पर सेस लगाने और इस फंड का इस्तेमाल नेशनल सिक्योरिटी को मजबूत करने और पब्लिक हेल्थ को बेहतर बनाने के लिए करने वाला बिल पास कर दिया।
हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल, 2025 पर बहस का जवाब देते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि सेस राज्यों के साथ शेयर किया जाएगा क्योंकि पब्लिक हेल्थ राज्य का विषय है। बाद में बिल को लोकसभा ने वॉयस वोट से पास कर दिया।
बिल का मकसद पान मसाला और इसी तरह के सामान बनाने के लिए लगाई गई मशीनों या दूसरे प्रोसेस पर सेस लगाकर नेशनल सिक्योरिटी और पब्लिक हेल्थ पर होने वाले खर्च को पूरा करने के लिए रिसोर्स बढ़ाना है।
सीतारमण ने कहा कि बिल का मकसद नेशनल इंपॉर्टेंस के दो डोमेन - हेल्थ और नेशनल सिक्योरिटी के लिए एक "डेडीकेटेड और प्रेडिक्टेबल रिसोर्स स्ट्रीम" बनाना है। पान मसाला पर गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स (GST) के तहत उसकी खपत के आधार पर ज्यादा से ज्यादा 40 परसेंट टैक्स लगेगा। इस सेस का GST रेवेन्यू पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
प्रस्तावित हेल्थ और नेशनल सिक्योरिटी सेस, जो GST के अलावा होगा वह पान मसाला बनाने वाली फैक्ट्रियों में मशीनों की प्रोडक्शन कैपेसिटी पर लगाया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा फिस्कल ईयर में ग्रॉस टोटल रेवेन्यू के परसेंट के तौर पर सेस 6.1 परसेंट था जो 2010-2014 के बीच 7 परसेंट से कम है।