दुनिया के प्रमुख राजनेताओं में से एक रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आ चुके हैं। राष्ट्रपति बनने के बाद वह 6 बार भारत आ चुके हैं। इनमें से तीन बार वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समय में आए हैं। दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर अपने दोस्त पुतिन का स्वागत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद पहुंचे थे।
पुतिन के साथ रूसी मंत्रिमंडल के कई सदस्य और व्यवसायी भी भारत आए हैं। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक पुतिन के भारत आने का दिन बहुत अहम माना जा रहा है। पुतिन जिस दिन भारत आए, तब साल की आखिरी पूर्णिमा थी। माना जाता है कि अगर आप इस दिन खुले दिल से कुछ करते हैं तो आपकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन किस धर्म को मानते हैं?
पुतिन एक ऑर्थोडॉक्स ईसाई हैं। कहा जाता है कि पुतिन को बचपन से ही एक पक्की ईसाई मां ने पाला है। पुतिन हमेशा अपने गले में क्रॉस पहनते हैं। हालांकि रूस आधिकारिक रूप से एक धर्म निरपेक्ष देश है, लेकिन वहां रहने वाले ज्यादातर लोग ही ईसाई धर्म को मानते हैं। पुतिन खुद को ऑर्थोडॉक्स चर्च का फॉलोवर भी मानते हैं। इसलिए कहा जाता है कि व्लादिमीर पुतिन एक ऑर्थोडॉक्स ईसाई हैं।
राष्ट्रपति पुतिन अक्सर रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्च के जरूरी कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हैं। उन्हें धार्मिक त्योहारों और प्रार्थना सभाओं में भी काफी बार देखा जाता है। जनवरी 2025 में पुतिन को ऑर्थोडॉक्स क्रिसमस सर्विस में भी देखा गया था।
बता दें, ईसाइयों को उनके विश्वास के आधार पर तीन समूहों में बांटा जाता है : कैथोलिक, प्रोटेस्टेंट और ऑर्थोडॉक्स। हालांकि साल 2007 में टाइम मैगजीन की एक इंटरव्यू में जब राष्ट्रपति पुतिन से उनकी निजी धार्मिक मान्यताओं के बारे में पूछा गया था तब उन्होंने इस बारे में कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया था।