पटना। चुनाव आयोग ने दावा किया है कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए पोस्टल बैलेट की गिनती के नियमों में बदलाव किया है। हाल ही में कई राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे। खासकर विपक्ष की तरफ से मतगणना में गड़बड़ी और वोट डिलीट करने जैसे आरोप लगे थे। ऐसे में जनता और राजनीतिक दलों का भरोसा कायम रखने के लिए यह कदम उठाया गया है। बीते 6 महीनों में आयोग ने लगभग 30 सुधार किए हैं, जिनमें से सबसे हालिया फैसला मतगणना प्रक्रिया से जुड़ा है।
बिहार चुनाव से लागू होगी नई व्यवस्था
सबसे पहले बिहार के चुनाव में यह नई प्रक्रिया लागू की जाएगी क्योंकि यहां पर नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं।आयोग ने अपने आदेश में यह भी निर्देश दिया कि जिन मामलों में पोस्टल बैलेट की संख्या अधिक है, वहां रिटर्निंग अधिकारी यह तय करें कि पर्याप्त संख्या में टेबल और मतगणना कर्मचारी उपलब्ध हों ताकि मतगणना में कोई देरी न हो और मतगणना प्रक्रिया को और अधिक सुव्यवस्थित बनाया जा सके।
पहले 8 बजे शुरू होती थी गिनती
बता दें कि मतगणना के दिन पोस्टल बैलेट पेपर की गिनती सुबह 8 बजे शुरू होती थी, इसके आधे घंटे बाद EVM के वोटों की गिनती होती थी। चुनाव परिणाम के दिन देखा गया है कि इसकी वजह से टीवी न्यूज चैनलों पर रुझान दिखाना भी शुरू हो जाते हैं, जो कि वोटों की गिनती के आगे बढ़ने के बाद कई बार पूरी तरह से पलट जाते हैं।
पोस्ट बैलेट की बढ़ी संख्या
बता दें कि पिछले कुछ चुनावों में पोस्टल बैलेट की संख्या बढ़ी है, क्योंकि चुनाव आयोग ने दिव्यांगों और 85 साल से अधिक वोटरों को घर से मतदान करने की सुविधा दी है।
बिहार चुनाव की तारीखों का ऐलान कब
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए EC 6 अक्टूबर के बाद तारीखों का ऐलान कर सकता है। चुनाव आयोग ने मुख्य सचिव और वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखा है, जिसमें 6 अक्टूबर तक ट्रांसफर-पोस्टिंग की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद मुख्य चुनाव आयोग विधानसभा चुनावों की तारीख का ऐलान करेंगे।
चुनाव आयोग ने किए बदलाव
चुनाव आयोग ने बीते कुछ महीनों में और भी कई बदलाव किए हैं। जैसे अब ईवीएम में प्रत्याशियों की रंगीन फोटो और बड़े अक्षरों में नाम दिखाया जाएगा। इसके अलावा वोटर आईडी को आधार और मोबाइल नंबर से लिंक करना अनिवार्य कर दिया गया है। बिना आधार से जुड़े मोबाइल नंबर के अब आवेदन स्वीकार नहीं होंगे।