पटना। बिहार चुनाव 2025 में एनडीए और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर दिख रही है। ताजा सर्वे में एनडीए को मामूली बढ़त मिली है। मुस्लिम वोटर निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।
एक ताजा सर्वे सामने आया है, जिसने चुनावी माहौल को और दिलचस्प बना दिया है। The Ascendia का “Battle of Bihar 2025” सर्वे के मुताबिक इस बार चुनाव एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधी और कांटे की टक्कर होगी। सर्वे के नतीजों के मुताबिक एनडीए थोड़ी बढ़त बनाता दिख रहा है लेकिन ये बढ़त बहुत बड़ी नहीं है। मतलब मुकाबला बेहद कड़ा रहने वाला है। खासकर मुस्लिम वोटरों ने इस बार महागठबंधन की टेंशन बढ़ा दी है।
बिहार में मुस्लिम वोटर को लेकर राजनीतिक घमासान जारी है। राज्य की करीब 47 विधानसभा सीटों पर मुस्लिम आबादी 20% से अधिक है। ओवैसी ने सीमांचल से अपनी यात्रा शुरू की है और महागठबंधन से छह सीटों की मांग रखी है। हालांकि, राष्ट्रीय जनता दल ओवैसी को साथ लेने के लिए तैयार नहीं है। ओवैसी ने कहा कि उन्होंने दो पत्र लिखे लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने यह भी कहा कि अगर एकता के आधार पर सत्ता मिलती है तो उन्हें मंत्री पद नहीं चाहिए, बल्कि सीमांचल डेवलपमेंट काउंसिल और सांप्रदायिक ताकतों को रोकने पर ध्यान देना है।
Ascendia 'बैटल ऑफ बिहार 2025' सर्वे बिहार के सभी 9 प्रमंडलों में किया गया है। इसका मोटा अनुमान यही है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाले एनडीए और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की अगुवाई वाले महागठबंधन के स्थापित वोट बैंक के इधर से उधर होने का बहुत ज्यादा अनुमान नहीं है। इस सर्वे के मुताबिक चुनाव में प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के तीसरी शक्ति के रूप में उभरने की संभावना है। लेकिन, उनका प्रभाव उत्तर बिहार में उतना नजर नहीं आ रहा है, जितना की दक्षिण बिहार में है।