पटना। बिहार चुनाव को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बिहार के सभी 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों और अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें सत्तापक्ष जदयू ने बिहार में जल्द और एक फेज में चुनाव करने की मांग रखी है। वहीं भाजपा ने दो चरणों में चुनाव करने की मांग की है। बैठक की अध्यक्षता मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने की। बैठक में भाजपा, कांग्रेस, राजद और जदयू व अन्य दलों के नेता भी शामिल हुए। भाजपा ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि वोटर पर्ची समय पर मतदाताओं को पहुंचाई जाए। सीसीटीवी के माध्यम से निगरानी होनी चाहिए। मतदाताओं को सुरक्षा प्रदान की जाए। चुनाव के एक-दो दिन पहले पिछड़े समाज, अति पिछड़े समाज के गांवों में अर्धसैनिक बल को तैनात करने की भी मांग की गयी है ताकि वोटरों में डर न रहे।
चुनावी सुरक्षा और बूथ प्रबंधन
चुनाव आयोग ने सभी दलों को आश्वस्त किया कि चाहे चुनाव एक चरण में हो या कई चरणों में, सुरक्षा और निष्पक्षता सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। आयोग ने कहा कि बूथ पर महिलाओं की पहचान सुनिश्चित करने के लिए पहले से ही पर्याप्त व्यवस्था मौजूद है, लेकिन भाजपा के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा।
दो फेज में हो बिहार चुनाव- भाजपा
बिहार विधानसभा चुनावों को लेकर चुनाव आयोग ने पटना में राजनीतिक दलों के साथ बैठक की। इसमें भाजपा ने चुनाव आयोग से दो चरणों में मतदान कराने की मांग की, ताकि मतदाताओं को असुविधा न हो और उम्मीदवारों का खर्च कम हो। आयोग अगले हफ्ते चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है।
बीजेपी ने की बुर्का बैन की मांग
चुनाव में भाजपा ने चुनाव आयोग के सामने बूथों पर महिलाओं के बुर्का पहनने पर रोक लगाने की मांग की है। दिलीप जायसवाल ने कहा कि हम चाहते हैं कि निष्पक्ष चुनाव के लिए आयोग इस दिशा में कदम उठाए। चुनाव के एक-दो दिन पहले गांवों में अर्धसैनिक बल को मुस्तैद रखने की मांग भी की है।
कई संदेश सामने आये
विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक पार्टियों के साथ चुनाव आयोग की बैठक में यह स्पष्ट हो गया है कि बिहार चुनाव में सिर्फ विकास और जाति ही मुद्दा नहीं रहेगा। इसमें धार्मिक और सामाजिक सवाल भी उठाये जा सकते हैं।
विपक्ष ने भाजपा को आड़े हाथों लिया
भाजपा नेताओं ने बुर्का बैन करने की मांग को सही ठहराते हुए कहा है कि इससे पहचान छुपाने की संभावना रहती है और चुनाव की पारदर्शिता प्रभावित हो सकती है। वहीं, इस प्रस्ताव पर विपक्षी दलों ने भाजपा पर तीखा हमला बोला है। राजद और कांग्रेस ने इसे “धार्मिक ध्रुवीकरण” की राजनीति करार दिया है। कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा महिलाओं की स्वतंत्रता और अधिकारों पर हमला करना चाहती है। विपक्षी नेताओं ने कहा कि भाजपा मुद्दों से भटकाकर समाज में विभाजन की राजनीति करना चाहती है।
चुनाव आयोग की इस बैठक के बाद लगभग ये तय माना जा रहा है कि आने वाले एक हफ्ते के भीतर चुनाव आयोग तारीखों का ऐलान कर सकता है। इस बैठक को करने का का मकसद था- दलों से सलाह, सुझाव और शिकायतें सुनना ताकि चुनावी प्रक्रिया और पारदर्शी व निष्पक्ष हो। इसके बाद आयोग की बैठक प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ होगी। रविवार को आयोग का फोकस प्रवर्तन और एजेंसियों पर रहेगा। नोडल अधिकारियों से लेकर बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, राज्य पुलिस नोडल अधिकारी और केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों के प्रतिनिधियों तक सभी से चुनावी रणनीति पर चर्चा होगी। दो दिनों के इस दौरे के अंत में चुनाव आयोग मीडिया से संवाद करेगा। इसके बाद टीम दिल्ली लौट जाएगी।