पटना। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने रविवार को जानकारी दी कि बिहार में 22 नवंबर से पहले विधानसभा चुनाव संपन्न होंगे। सीईसी ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर तक खत्म हो रहा है। उसके पहले ही राज्य में चुनाव संपन्न होंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू एवं विवेक जोशी ने रविवार को बिहार विधानसभा चुनाव के संबंध में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। हालांकि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं की गई। बिहार में होने वाले चुनाव की तारीखों को लेकर सभी पार्टियों के दिल की धड़कनें बढ़ी हुई थीं। कयास लगाये जा रहे थे कि चुनाव आयोग आज बिहार विधानसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा कर देगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
बिहार के मतदाताओं का भोजपुरी में अभिवादन करते हुए ज्ञानेश कुमार ने कहा कि जिस तरह हम अपने पर्व-त्योहारों और विशेष रूप से लोक आस्था के महापर्व छठ को मनाते हैं, उसी तरह से बिहार विधानसभा चुनाव में मतदान को उत्साह के साथ मनाएं। इसके बाद मुख्य चुनाव आयुक्त ने बिहार में वोटर पुनरीक्षण के कार्य को पूरा करने वाले 90 हजार से अधिक बीएलओ का आभार जताया और उन्हें सम्मानित किया। प्रेस कांफ्रेंस में बिहार चुनाव से जुड़ी इन बातों की जानकारी दी गयी।
आधार पहचान का प्रमाण, नागरिकता का नहीं
बिहार चुनाव के चरणों की संख्या के बारे में बात करते हुए ज्ञानेश कुमार ने कहा कि यह एक, दो या तीन चरणों में होगा और जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा। एसआईआर के लिए आवश्यक दस्तावेजों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि आधार कार्ड नागरिकता का नहीं, बल्कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के अनुसार पहचान का प्रमाण है।
बिहार चुनाव के लिए 17 नई पहल
चुनाव आयुक्त ने बताया कि चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए 17 नई पहल शुरू की हैं। उन्होंने बताया कि 22 साल के अंतराल के बाद, ईआरओ और बीएलओ की मदद से एसआईआर सफलतापूर्वक पूरा किया गया है।
इन पहलों के बारे में उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग ने मतदाताओं की सुविधा के लिए मतदान केंद्रों पर भीड़ कम करने और छोटी कतारें लगाने की दिशा में काम किया है। उन्होंने बताया कि मतदान केंद्रों के ठीक बाहर मोबाइल फोन जमा करने के लिए काउंटर बनाए गए हैं।
बूथ लेवल एजेंट की पहली बार कराई ट्रेनिंग
बिहार से शुरू होने वाली कुछ पहलों में सबसे पहले बूथ लेवल एजेंट की ट्रेनिंग शामिल है। बूथ लेवल एजेंट की पहली बार चुनाव आयोग ने ट्रेनिंग कराई। बिहार के सभी बूथ लेवल एजेंट की ट्रेनिंग दिल्ली में कराई गई। बूथ लेवल अफसरों की आईआईआईडीईएम में ट्रेनिंग कराई गई। देशभर के लगभग 700 बूथ लेवल अफसर और सुपरवाइजर की ट्रेनिंग पूरी की जा चुकी है।
मतदाताओं को 15 दिन में मिलेगा वोटर आईडी कार्ड
मतदाताओं को 15 दिन के अंदर वोटर आईडी दिए जाने की व्यवस्था की गई है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि बूथ लेवल अफसर जब मतदाता के पास जाएं तो मतदाता उन्हें पहचान पाएं, इसलिए बूथ लेवल अधिकारी के लिए फोटो आईडी कार्ड शुरू किए गए।
SIR ने बिहार में मतदाता सूची का शुद्धीकरण किया
बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की कवायद के पूरा होने पर रविवार को संतोष जताया। मुख्य चुनाव आयुक्त ने दावा किया कि इस कवायद से राज्य में 22 वर्षों के बाद मतदाता सूची का ‘शुद्धीकरण’ हुआ है।
बिहार में कुल 90 हजार बूथ रहेंगे
बिहार में कुल 90 हजार बूथ रहेंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा- इस बार किसी भी बूथ पर 1200 से ज्यादा वोटरों का नाम नहीं रहेगा। इससे वोटिंग में सहूलियत होगी। अब हर बूथ पर बिहार चुनाव 2025 से 100 फीसदी वेबकास्टिंग की जाएगी।