भाजपा- कांग्रेस में बिहार के वोटर लिस्ट से 'गायब' हुए 47 लाख मतदाताओं पर छिड़ी जंग

विपक्षी पार्टियों ने आयोग पर मतदाता सूची से गरीब और महिलाओं के नाम हटाने का आरोप लगाया

By Shweta Singh

Oct 01, 2025 18:43 IST

पटना। बिहार विधानसभा चुनावों की तारीख की घोषणा अभी तक नहीं हुई है जिसका राजनीतिक पार्टियां बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रही हैं। इसी बीच बिहार में SIR के बाद अंतिम मतदाता सूची जारी होने पर 47 लाख मतदाताओं के नाम हटने पर कांग्रेस सवाल उठा रही है। वहीं भाजपा ने कांग्रेस और राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा' को लेकर तीखी आलोचना की है।

इससे पहले बिहार में चुनाव आयोग की एसआईआर प्रक्रिया के बाद वोटर लिस्ट कल जारी कर दिया गया। इस लिस्ट में 7.42 करोड़ मतदाता शामिल किये गये हैं। हालांकि इस मतदाता सूची से लगभग 47 लाख मतदाताओं के नाम हटा दिये गये हैं। वोटर लिस्ट से काटे गये नामों पर ही अब सियासी बवाल मच गया है।

चुनाव आयोग से कांग्रेस का सवाल

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने सोशल मीडिया पर चुनाव आयोग से सवाल किया है। उन्होंने चुनाव आयोग से पूछा है कि आखिर मतदाता सूची से हटाए गए ये 47 लाख मतदाता कौन हैं? उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को अपनी विश्वसनीयता फिर से हासिल करने के लिए इन 47 लाख नामों का ब्रेकअप देना चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा कि चुनाव आयोग को यह स्पष्ट करना चाहिए कि इस सूची में शामिल कितने लोग मृत हैं और कितने लोग दूसरे राज्यों में चले गए हैं। मनीष तिवारी ने कहा कि चुनाव आयोग को अपनी विश्वसनीयता दोबारा हासिल करने के लिए यह करना जरूरी है।

कांग्रेस को अमित मालवीय ने घेरा

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं। मालवीय ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि निर्वाचन आयोग की SIR प्रक्रिया के दौरान कांग्रेस ने नाम जोड़ने या हटाने के लिए एक भी शिकायत या आपत्ति दर्ज नहीं की। साथ ही उन्होंने राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा' को 'वोट चोरी' का झूठा नैरेटिव बताया और इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया।

चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है लिस्ट

बिहार की मतदाता सूची चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। हाल ही में पब्लिश हुई इस मतदाता सूची में राज्य में लगभग 7.42 करोड़ मतदाता हैं, जिसमें 47 लाख मतदाताओं के नाम हटा दिए गए हैं और लगभग 21 लाख योग्य नामों को जोड़ा भी गया है। इसमें नए वोटर्स भी शामिल हैं। चुनाव आयोग ने यह प्रक्रिया 24 जून को शुरू की थी और 30 सितंबर तक चली जिसके बाद आयोग ने इसे अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है।

बिहार कांग्रेस प्रमुख ने एसआईआर प्रक्रिया को बताया 'धोखा'

बिहार कांग्रेस प्रमुख राजेश राम ने SIR प्रक्रिया को 'धोखा' बताया। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया जनता या दलों द्वारा नहीं मांगी गई थी और इसे लापरवाही से किया गया है। उन्होंने इसकी निष्पक्षता पर संदेह जताते हुए कहा कि कार्यकर्ता हटे और जुड़े नामों की पूरे राज्य में जांच करेंगे।

विपक्षी दलों ने बिहार वोटर लिस्ट से हटाए गए नामों को लेकर चुनाव आयोग को एक बार फिर कटघरे में खड़ा कर दिया है। विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि चुनाव आयोग ने इस मतदाता सूची से गरीब लोगों और महिलाओं के नाम हटाए हैं और उन्हें मताधिकार से वंचित किया है। इसके अलावा विपक्षी नेताओं ने चुनाव आयोग और भाजपा में मिलीभगत होने का भी आरोप लगाया है।

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