पटनाः बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन संशोधन (SIR) प्रक्रिया समाप्त हो गई है। मंगलवार 30 सितंबर को चुनाव आयोग ने अंतिम मतदाता सूची जारी की। मतदाता सूची के इस संशोधन प्रक्रिया को लेकर विपक्ष ने कई आरोप लगाए हैं। सुप्रीम कोर्ट में SIR संबंधित मामला भी विचाराधीन है।
आगामी विधानसभा चुनाव से पहले 22 साल बाद बिहार में SIR हुआ। अंतिम सूची जारी करते हुए चुनाव आयोग ने बताया कि मतदाता अपने वेबसाइट पर जाकर मतदाता सूची में अपना नाम और अन्य सभी जानकारी मिला सकते हैं। उल्लेखनीय है कि SIR के मसौदे से 65 लाख मतदाताओं के नाम हटा दिए गए थे। जिस पर विपक्ष ने आवाज उठाई थी। आयोग सूत्रों के अनुसार, अंतिम सूची में 7.4 करोड़ मतदाता हैं। लगभग 48 लाख मतदाताओं के नाम हटा दिए गए हैं। जून महीने में बिहार की मतदाता सूची में कुल 7.89 करोड़ मतदाताओं के नाम थे।
जानकारी मिली है कि मंगलवार को जारी अंतिम सूची में मुजफ्फरपुर जिले में 88,108 मतदाता बढ़े हैं। मसौदा सूची में यह संख्या 32,03,370 थी। अब यह संख्या बढ़कर 32,91,478 हो गई है। पटना और नवादा जिलों में भी मतदाताओं की संख्या क्रमशः 1,63,600 और 30,491 बढ़ी है।
चुनाव आयोग ने बताया था कि केवल योग्य मतदाताओं को मतदाता सूची में रखकर, मृत और अयोग्य, विदेशियों के नाम सूची से हटाने के लिए यह प्रक्रिया की गई है। इतना ही नहीं, जो योग्य मतदाता इस सूची में अनुपस्थित हैं, उन्हें भी शामिल करने के लिए यह SIR तैयार किया गया है।
चुनाव से कुछ महीने पहले संशोधन के समय को लेकर सवाल उठाते हुए, विपक्षी दल के नेता राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव सहित अन्य लोगों ने बिहार में 'मतदाता अधिकार यात्रा' भी निकाली थी। कांग्रेस का आरोप है कि चुनाव आयोग वास्तव में सत्तारूढ़ गठबंधन की मदद करने की कोशिश कर रहा है।