मीन, मेष और कुंभ राशि वालों के लोगों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। वहीं सिंह और धनु राशि वालों पर शनि की ढईया चल रही है। ऐसे समय में अपने काम को लेकर जितनी सावधानी बरतने की जरूरत है, उसके साथ ही कुछ बातों को मानना भी लाभदायक साबित हो सकता है। शनि का असर कभी भी पूरी तरह खत्म नहीं किया जा सकता।
हालांकि उसके प्रभाव को थोड़ा काम जरूर किया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कर्मफलदाता शनि को संतुष्ट करना। माना जाता है कि शनिवार को नहा-धोकर शनिदेव के मंदिर में जाकर पूजा करना अच्छा होता है। मंदिर में काले तिल और सरसों के तेल का दीया जलाना और शनि देव की आरती उतारनी चाहिए। साथ ही आप कुछ विशेष प्रकार के फूल भी चढ़ा सकते हैं, जो शनि देव को काफी पसंद होता है।
कौन से फूलों से संतुष्ट होते हैं शनि देव?
नीले रंग का फूल चढ़ाएं
शनिवार को शनि देव की पूजा करते समय नीले रंग का फूल चढ़ाएं। माना जाता है कि श्रद्धा के साथ इन फूलों को चढ़ाने से शनि देव खुश होते हैं। यह एक काम आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा भर सकती है। इसके साथ ही राशि पर शनि की ढैया और साढ़ेसाती का असर भी कम होगा।
अपराजिता के फूल चढ़ाएं
अपराजिता के फूल शनि देव को बहुत प्रिय होते हैं। शनिवार की सुबह शनि देव की पूजा करते समय उन्हें 5, 7 या 11 अपराजिता के फूल चढ़ाएं। इस पूजा से शनि देव जल्दी खुश होते हैं। उनकी कुदृष्टि के असर को कम करने में भी मददगार होता है। जिंदगी की परेशानियां भी कम हो सकती हैं। मेहनत का पूरा फल मिलने की उम्मीद बढ़ जाती है। हालांकि यह नहीं कहा जा सकता कि इसका फल आपको तुरंत मिल जाएगा।
गुड़हल का फूल चढ़ाएं
गुड़हल का फूल मां काली का पसंदीदा माना जाता है। गुड़हल का लाल रंग का फूल देवी दुर्गा का भी पसंदीदा है। माना जाता है कि यह फूल शनि देव को भी बहुत पसंद है। कहा जाता है कि शनि देव को यह फूल चढ़ाने से जीवन की सभी परेशानियां दूर होती हैं। इसके साथ शनि के दोष दूर होते हैं और कर्मफलदाता शनि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
शमी का फूल चढ़ाएं
शनि देव की कृपा पाने के लिए आप उन्हें शमी का फूल अर्पित कर सकते हैं। कहा जाता है कि ऐसा करने से बड़ी से बड़ी परेशानियां भी खत्म हो जाती हैं। शारीरिक बीमारी से राहत मिलती है। सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के समय शनि देव की पूजा करना शुभ होता है। उसी समय उन्हें शमी का फूल चढ़ाएं।