संकटमोचन महाबली हनुमान को भगवान रुद्र का अंश माना जाता हैं। भक्त हनुमान 7 चिरंजीवियों में से एक हैं। रामायण में दशानन रावण पर श्री राम की जीत में हनुमान जी की कम महत्वपूर्ण भूमिका नहीं रही है। इसके साथ ही महाभारत के युद्ध में कुरुक्षेत्र में अर्जुन के रथ के झंडे पर रक्षक के तौर पर भी वह मौजूद थे।
उन्हें 'राम भक्त हनुमान' कहा जाता है। मान्यताओं के अनुसार अगर किसी व्यक्ति पर हनुमान जी का आशीर्वाद हो तो कोई बुराई उसका बाल भी बांका नहीं कर सकती है। हर तरह के संकट से हनुमान जी रक्षा करते हैं। हिंदू धर्म में हनुमान को विशेष पूजनीय भी माना जाता है। मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करने का विशेष फल मिलता है।
कहा जाता है कि अगर मंगलवार को हनुमान जी को भोग लगाते समय तुलसी का पत्ता दिया जाता है तो उसका बहुत ही शुभ लाभ मिलता है। इसके साथ ही कहा जाता है कि हनुमान चालिसा का पाठ करते समय भी अगर मुंह में तुलसी का एक पत्ता रखा जाता है तो बजरंगबली खुश होते हैं और अपना आर्शिवाद प्रदान करते हैं।
बजरंगबली की भूख
रामायण के अनुसार वनवास से वापस लौटने के बाद एक बार माता सीता हनुमान जी को भोजन करवा रही थी। मां सीता ने अपने हाथों से उनके लिए कई तरह से व्यंजन बनाएं थे। हनुमान जी ने हर तरह का पकवान खाया और पूरा भोजन खत्म होने के बावजूद उन्हें संतुष्टी नहीं मिल रही थी। उनकी भूख शांत होने का नाम ही नहीं ले रही थी। धीरे-धीरे रसोई घर में बना पूरा भोजन खत्म हो गया लेकिन हनुमान जी का पेट नहीं भरा। यह देखकर माता सीता को चिंता हुई। इस बात की जानकारी उन्होंने प्रभु श्री राम को दी।
भगवान राम ने बताया उपाय
सब सुनकर श्री राम ने माता सीता से हनुमान जी के भोजन में तुलसी का एक पत्ता डालने की सलाह दी। पति की बात मानकर माता सीता ने ऐसा ही किया। आश्चर्यजनक रूप से तुलसी का पत्ता खाते ही उनकी भूख तुरंत शांत हो गयी। इसके बाद से ही जब भी हनुमान जी को भोज लगाया जाता है तब उन्हें तुलसी का एक पत्ता भी अर्पित किया जाता है।
क्यों तुलसी के पत्ते से संतुष्ट होते हैं बजरंगबली?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी का पत्ता ब्रह्मांड के रक्षक भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है। तुलसी देवी को माता लक्ष्मी का प्रतीक भी माना जाता है। भगवान विष्णु के किसी भी अवतार की पूजा हो उसमें तुलसी का पत्ता अनिवार्य रूप से होता है। भगवान राम और श्री कृष्ण की पूजा में भी तुलसी पत्ता का इस्तेमाल किया जाता है और इसी वजह से रामभक्त हनुमान को भी तुलसी का पत्ता अत्यंत प्रिय है। कहा जाता है कि तुलसी का पत्ता अर्पित करने से हनुमान संतुष्ट और अत्यंत प्रसन्न होते हैं।