ज्योतिष शास्त्र में अलग-अलग धातुओं का अलग-अलग महत्व बताया गया है। चांदी पर चंद्रमा और शुक्र का असर होता है। इसलिए माना जाता है कि चांदी की अंगूठी या चेन पहनने से हमारे जीवन पर कई तरह के शुभ असर होते हैं। चांदी का असर हमारे जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है। इसलिए कहा जाता है कि चांदी की अंगूठी पहनने से मन शांत होता है और ध्यान लगाने की क्षमता बढ़ती है। हालांकि ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक चांदी की अंगूठी पहनने के कुछ नियम भी होते हैं।
चांदी की अंगूठी कब पहनें?
चांदी का संबंध चांद से होता है। इसलिए चांदी की अंगूठी कुछ खास दिनों में पहनी जा सकती है। पूर्णिमा के दिन चांदी की अंगूठी पहनना बहुत शुभ होता है। इसके अलावा सोमवार और शुक्रवार को भी चांदी की अंगूठी पहन सकते हैं।
किस हाथ में पहने?
चांदी पहनने से पहले यह जान लें कि चांदी पहनने के लिए कौन सा हाथ सबसे शुभ होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चांदी की अंगूठी बाएं हाथ के अंगूठे में पहनना सबसे अच्छा होता है। अगर आपके हाथ में कोई और अंगूठी नहीं है तो आप इसे रिंग फिंगर में भी पहन सकते हैं।
किसे नहीं पहननी चाहिए?
अगर जन्म कुंडली में राहु की दृष्टि चंद्रमा पर हो तो चांदी की अंगूठी न पहनना ही बेहतर है। जिन लोगों को कभी-कभी सर्दी-जुकाम और खांसी हो जाती है उन्हें भी चांदी की अंगूठी नहीं पहननी चाहिए। चांदी का संबंध चंद्रमा से होता है। चंद्रमा जल तत्व वाला ग्रह है। इसलिए किसी भी रत्न की तरह चांदी पहनने से पहले किसी ज्योतिषी से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
किसे पहननी चाहिए?
कुछ लोगों के लिए चांदी की अंगूठी बहुत शुभ होता है। कर्क राशि वालों को चांदी की अंगूठी जरूर पहननी चाहिए। इसके अलावा जन्म कुंडली में चंद्रमा नौवें घर में हो या चंद्रमा लग्न का स्वामी हो तो चांदी की अंगूठी पहनना शुभ होता है। चांदी उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है।
चांदी की अंगूठी पहनने के फायदे
चांदी का संबंध चंद्रमा और शुक्र से होता है। पूरे नियम से चांदी की अंगूठी पहनने से कुंडली में चंद्रमा और शुक्र की स्थिति मजबूत होती है। इससे आत्मविश्वास बढ़ता है। चंद्रमा के प्रभाव से जातक को मानसिक शांति मिलती है व मानसिक एकाग्रता बढ़ती है। जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। चांदी की अंगूठी जीवन से नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखती है।